चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य विभाग जैसलमेर की लापरवाही से हुआ बड़ा हादसा
मच्छरों की रोकथाम के दी एंटी लार्वा की बोतल में विस्फोट
जैसलमेर शहर के वार्ड संख्या 24 के केंद्र संख्या 9 में एक बड़ा हादसा हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा बिना प्रशिक्षण और सावधानी बताए आशा सहयोगिनी मंजू भाटी को केमिकलयुक्त एंटीलावा दवाई देना पड़ा महंगा। केमिकल की बोतल खोलने के दौरान हुआ धमाका जिससे मंजू भाटी का पूरा चेहरा, आंखें, और हाथ जल गए। इस भयानक दुर्घटना में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट रूप से नजर आई। आशा सहयोगिनी की जान जोखिम में डालने के बावजूद अधिकारियों ने एंटीलावा केमिकल देने से पूर्व कोई सावधानियां नहीं बताई और ना ही सुरक्षा उपकरण और ग्लव्ज दिए। हादसे के बाद मंजू भाटी को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया। पीड़िता के परिवार जनों ने बताया कि हादसे के बाद अधिकारियों को फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने फोन उठाने बंद कर दिए। पीड़िता के पिता और पति ने बताया कि कल वे विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध लापरवाही बरतने का मुकदमा करवाएंगे और केमिकल की जांच भी करवाएंगे।
आशा सहयोगियों को नहीं दिए छिड़काव के सुरक्षा उपकरण
इस हादसे के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों ने अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। इस बड़ी विभागीय लापरवाही का जिम्मेदार कौन है, यह सवाल अब हर किसी के मन में है। हादसे ने विभागीय प्रशासन की असंवेदनशीलता और लापरवाही की पोल खोल दी है। मंजू भाटी की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उनका परिवार गहरे सदमे में है। इस हादसे ने जैसलमेर में चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंजू भाटी का इलाज जारी है और परिवार जन न्याय की उम्मीद में हैं। अधिकारियों की इस लापरवाही ने ना सिर्फ एक जीवन संकट में डाला है बल्कि पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अब यह देखना होगा कि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।
Author: AKSHAY OJHA
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