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August 4, 2025 3:28 pm


करवड़ में आयुर्वेद पर शुरू हुई संगोष्ठी : राज्यपाल बोले भारतीय ज्ञान में किया गया फेरबदल, आयुर्वेद के आविष्कारों का हो पेटेंट

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Pankaj Garg

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जोधपुर। जिले के डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में आयुर्वेदिक औषधि मानकीकरण चुनौतियां और समाधान विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी गुरुवार से शुरू हुई। इसमें राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े शामिल हुए।

अपने संबोधन में उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियां पर शोध को बढ़ावा देने के साथ ही असाध्य रोगों में भी उनके उपयोग के परीक्षण और प्रसार की दिशा में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की आयुर्वेदिक औषधियां की ब्रांडिंग और पैकेजिंग भी इस तरीके से होनी चाहिए कि वह उपयोग के लिए आकर्षित करें। उन्होंने इसके विपणन की कारगर नीति पर भी कार्य करने पर जोर दिया।

राज्यपाल ने कहा कि प्राचीन समय में भारतीय आयुर्वैदिक ज्ञान में आत्रेय, चरक, सुश्रुत आदि द्वारा परिवर्तित चिकित्सा प्रणालियों के ज्ञान को सुनियोजित तरीके से देश से बाहर ले जाया गया। उस ज्ञान में कुछ हेर फेर कर उसे अपना बनाने के प्रयास किए गए। इसलिए जरूरी है कि जो उपलब्ध ज्ञान हमारा है आयुर्वेद की दुर्लभ औषधीय और उनके पेटेंट की दिशा में नियंत्रण कार्य होना चाहिए।

नालंदा यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए कहा कि आयुर्वेद के महान ज्ञान को देखते हुए बख्तियार खिलजी ने उस ज्ञान को सदा समाप्त करने के लिए नालंदा यूनिवर्सिटी के पुस्तकालय में आग लगा दी थी पर भारतीय ज्ञान को कोई मिटा नहीं सका है। उन्होंने आयुर्वेदाचार्य से आग्रह किया कि वह प्राचीन भारतीय ज्ञान की धरोहर को जन-जन तक सुलभ कराएं।

इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी के अंतर्गत बने होम्योपैथी महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में मौजूद विधि एवं न्याय मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा की आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर मन और आत्मा का संतुलन बनाए रखने में सहायक है। सरकार की योजनाओं को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले समय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 52000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस वर्ष 1 लाख और आने वाले 5 वर्षों में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ला, पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीएल गौड, उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अरुण कुमार त्रिपाठी, गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. एस एस सावरीकर, एम्स जोधपुर के अध्यक्ष डॉक्टर एस एस अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

Author: JITESH PRAJAPAT

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