जयपुर। राजस्थान में लघु उद्योगों को स्थापित करने के लिए बड़ी छूट देने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत 1 एकड़ जमीन के लैंड कन्वर्जन के लिए बड़ी छूट मिलेगी। ये बात बुधवार को राइजिंग राजस्थान समित के आखिरी दिन उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कही। समिट की शुरुआत एमएसएमई कॉन्क्लेव से हुई। वे बोले- आज देश की जीडीपी में 30% हिस्सेदारी एमएसएमई इंडस्ट्री की है। वहीं लघु उघोग भारती के राष्ट्रीय अध्य्क्ष घनश्याम ओझा ने कहा कि पॉलिसी में कहीं ना कहीं ‘इफ नो बट’ लगे हुए हैं, इन्हें हटाना चाहिए।
मंत्री बोले- हमने कई नीतियां लॉन्च की हैं
राठौड़ बोले- उद्योगों की समस्या के निवारण के लिए हर जिले में एक कमेटी बनी हुई है। ऐसे में इस कमेटी में हम लघु भारती उद्योग के प्रतिनिधित्व को भी शामिल करेंगे ताकि उनकी समस्याओं और उद्योगों पर विस्तृत चर्चा हो सके।
राजस्थान देश का पहला राज्य होगा जो एमएसएमई उद्योगों को शुरुआत के 5 वर्षों में राज्य कानून के किसी भी तरीके अनुमोदन और निरीक्षण करने से छूट देने जा रहे हैं। हमने एमएसएमई के लिए कई नीतियां लॉन्च की है।
इसमें एमएसएमई पॉलिसी 2024, वन जिला वन प्रोडक्ट पॉलिसी, इंटीग्रेटेड क्लस्टर डेवलपमेंट 2024, राजस्थान इन्वेस्ट प्रमोशन 2024 टूरिजम यूनिट पॉलिसी 2024 हमने लॉन्च की है। इससे हम एमएसएमई उद्योग को मदद कर सके। उन्हें पता हो कि उनके लिए सरकार क्या कर रही हैं। किस तरह से एमएसएमई उद्योग इन पॉलिसी से फायदा ले सकते हैं।
वहीं समिट के समापन सत्र को केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान संबोधित करेंगे। समापन सत्र में सीएम भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दिया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा और उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद रहेंगे।
पॉलिसी में जो इफ नो बट लगे है, उन्हें हटाए
लघु उघोग भारती के राष्ट्रीय अध्य्क्ष घनश्याम ओझा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एमएसएमई उद्योग के लिए अच्छी पॉलिसी बनाई है। लेकिन, पॉलिसी में कहीं ना कहीं ‘इफ नो बट’ लगे हुए है। यहां मंत्री और अधिकारी बैठे हैं, मेरा इनसे अनुरोध है कि पॉलिसी में लगे ‘इफ नो बट’ हटाए। इस दिशा में काम होगा तो आपने जितनी कल्पना भी नहीं की होगी उससे ज्यादा निवेश राजस्थान में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी राजस्थान में कई बार इन्वेस्टमेंट समिट हुई है। लेकिन इस बार यह समिट पहले से कुछ अलग लग रही है, क्योंकि इस बार मुख्यमंत्री और उनका पूरा मंत्रिमंडल एक पॉजिटिव सोच को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और उनकी दृढ़ इच्छा है कि जो एमओयू साइन हुए हैं। वह प्रत्येक एमओयू धरातल पर उतरे, राजस्थान में निवेश आए।