बांसवाड़ा। लोहारिया क्षेत्र के पालोदा स्थित सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग कर्मचारियों के बीच का विवाद सामने आया है। मामला इतना बढ़ गया की आपसी झगड़े के बाद नर्सिंग कर्मचारी बंदूक लेकर चिकित्सालय परिसर में पहुंच गया। गनीमत रही की डॉ. उस समय मौके पर नहीं मिला, जिससे कोई अनहोनी नहीं हुई।
डॉ. की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इधर, गंभीर मामले को देखते हुए कलक्टर और एसपी ने भी जांच व कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस के अनुसार लोहारिया थाने में 36 वर्षीय अमरदीप नगर निवासी डॉ. हिमांशु पुत्र राधेश्याम यादव ने रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया कि वह 12 दिसंबर को ड्यूटी पर थे। इसी दौरान नर्सिंग कर्मचारी गुलाब कटारा और अभिषेक नितिन आए और अस्पताल परिसर में स्थिति धर्मशाला में कमरा आवंटन करने की एप्लीकेशन दी। इसे स्वीकार कर लिया और कमरा दिखाने के लिए ले गए। इस दौरान कमरे में पहुंचते ही डॉ. को दोनों नर्सिंग कर्मचारियों ने बंद कर लिया। इसके बाद विभागीय कार्य व दिशा-निर्देश दिए जाने को लेकर कहा कि लंबे समय से देख रहे हैं।
इस पर घबराए डॉ. ने कमरे का दरवाजा खोलने को कहा, जिस पर दोनों ने धमकाया। इसी दौरान एक अन्य डॉक्टर कुलदीप अस्पताल में आए। उन्होंने देखा कि कमरा अंदर से बंद कर रखा और अंदर से आवाज आ रही है। इस पर उन्होंने अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को भी मौके पर बुला गया। इसके बाद कमरा खुलवाकर डॉक्टर को कमरे से छुड़वाया। आरोप है कि इस वारदात के समय दोनों कर्मचारी शराब के नशे में थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पीड़ित डॉक्टर की पत्नी भी डॉक्टर है और दोनों पालोदा में ही किराए का मकान लेकर रहते हैं।
नोटिस दिया यहां से खड़ा हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार दोनों नर्सिंग कर्मचारी अक्सर ड्यूटी से नदारद हो जाते थे। इसके आहत डॉक्टर हिमांशु ने प्रभारी होने के नाते दोनों को नोटिस दे दिया। यह नोटिस 2-3 दिसंबर को दिया गया। साथ ही इसका लिखित में जवाब भी लिया गया। इसके बाद से ही दोनों खफा थे। इस कारण वारदात को अंजाम दिया गया।
अगले दिन बंदूक लेकर पहुंच गए
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ित डॉक्टर 13 दिसंबर को इसकी शिकायत करने के लिए जिला कलक्टर और सीएनएबओ के पास गए। इधर, सूचना मिली कि दोनों आरोपी बंदूक लेकर अस्पताल पहुंचे। गनीमत रही कि इसी दौरान डॉ. हिमांशु उन्हें नहीं मिले।
पुलिस आरोपियों की तलाश में
आपसी विवाद के बाद बंदूक लेकर अस्पताल में जाना, बेहद रिस्की मामला है। मामला संज्ञान में आने के बाद जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश में गई थी पर वे मिला नहीं। यह भी जांच की जाएगी कि उसके पास बंदूक स्वयं की है या अवैध है, या फिर किसी और की है।