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February 6, 2025 3:27 am


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बीजेपी के पूर्व विधायक को 3 साल की सजा : कोर्ट ने तत्कालीन डीसीएफ को थप्पड़ मारने का माना दोषी, राजावत बोले- हाईकोर्ट में अपील करूंगा

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

कोटा। जिले में दो साल पहले तत्कालीन डीसीएफ रवि मीणा को थप्पड़ मारने के मामले में कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी राजावत और पार्टी कार्यकर्ता महावीर सुमन को दोषी माना है। दोनों को 3-3 साल का साधारण कारावास (धारा 332 गैर जमानती) की सजा सुनाई गई है। फैसले के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान राजावत ने कहा- वे हाईकोर्ट में अपनी करेंगे।

वन विभाग के ऑफिस में जाकर मारा था थप्पड़

मामला मार्च 2022 का है। तब दाढ़ देवी माता जी मंदिर रोड पर यूआईटी की ओर से करवाए जा रहे पेचवर्क को वन विभाग ने रूकवाया था। इस बात से नाराज होकर पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने वन विभाग के ऑफिस में जाकर तत्कालीन डीसीएफ रविकुमार मीणा को थप्पड़ मार दिया था।

मामले को लेकर तत्कालीन डीसीएफ ने कोटा के नयापुरा थाने में पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, भाजपा कार्यकर्ता महावीर सुमन सहित 10-15 लोगों पर थप्पड़ मारने, धक्का-मुक्की करने और राजकार्य में बाधा के आरोप लगाए थे। जिस पर पुलिस ने धारा 332,353,34 व 3 (2)(va) एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया था।

कोर्ट का फैसला, 3-3 साल की सजा

कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए भवानी सिंह राजावत व महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने के मामले में दोषी मानते हुए (धारा 332 गैर जमानती) 3-3 साल साधारण कारावास की सजा और 30-30 हजार के अर्थदंड से दंडित किया जबकि धारा- 3 (एससी-एसटी) में दोनों को बरी किया है।

राजावत बोले- हाईकोर्ट में अपील करूंगा

मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद राजावत ने मीडिया से बातचीत की। राजावत ने कहा- मैंने उसको कहा था नादानी मत करो। मैंने केवल कंधे पर हाथ रखा था। उसने मेरे थप्पड़ मारने का आरोप लगा दिया। मुझे कोर्ट पर भरोसा था। आज कोर्ट ने फैसला दे दिया। कोर्ट ने धारा 3 में बरी कर दिया। थप्पड़ मारने के मामले में हाईकोर्ट में अपील करूंगा। मुझे भरोसा है मेरे साथ न्याय होगा।

मामले में राजावत पहले हो चुके गिरफ्तार

मामला मार्च 2022 का है। तब दाढ़ देवी माता जी मंदिर रोड पर यूआईटी की ओर से करवाए जा रहे पेचवर्क को वन विभाग ने रूकवाया था। इस बात से नाराज होकर 31 मार्च 2022 की दोपहर साढ़े 3 बजे के करीब पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत अपने समर्थकों के साथ राजभवन रोड स्थित वन विभाग के ऑफिस में गए थे।

डीसीएफ राजावत को कुर्सी पर बैठने और चाय पीने का आग्रह करते रहे। बातचीत के दौरान राजावत ने डीसीएफ रविकुमार मीणा को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद वे ऑफिस से बाहर निकल गए थे। घटना के बाद डीएफओ ने पुलिस में रिपोर्ट दी। इसके बाद राजावत 1 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार हुए। 10 दिन जेल में रहे थे। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, तब से जमानत पर हैं।

नेताओं-अफसरों के बीच मारपीट के कई मामले आ चुके सामने

नेताओं और अफसरों के बीच मारपीट का ये पहला मामला नहीं है। पहले भी कई घटना हो चुकी हैं।

  1. हाल में एक महीने पहले देवली-उनियारा (टोंक) विधानसभा के समरावता में विधानसभा उपचुनाव के दौरान निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था।
  2. साल 1997 में भाजपा सरकार में ​तत्कालीन सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने विभाग के तत्कालीन सचिव पीके देव को अपने चैंबर में मारपीट की थी।
  3. केकड़ी से कांग्रेस के तत्कालीन विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने जून 2001 में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला अभाव अभियोग की बैठक के तत्कालीन अजमेर एसपी आलोक त्रिपाठी को थप्पड़ मार दिया था।
  4. साल 2022 में कांग्रेस राज के दौरान बाड़ी में बिजली ग्रिड सब स्टेशन पर तैनात डिस्कॉम इंजीनियर हर्षादापति के साथ तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों ने मारपीट कर हाथ-पैर तोड़ दिए थे।

Author: JITESH PRAJAPAT

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