अलवर। जिले के राज ऋषि कॉलेज के कैंपस में अब भी लेपर्ड है। पार्किंग संचालक ने गुरुवार शाम 5 बजे लेपर्ड को रोड पार करते हुए देखा। इससे पहले एक दिसंबर को कॉलेज में घूमने आई महिलाओं को लेपर्ड दिखा था।
दो-तीन बार कैमरा ट्रैप में लेपर्ड की तस्वीर सामने आ चुकी हैं। हर दिन लेपर्ड के पगमार्क आस-पास मिले हैं लेकिन वन प्रशासन लेपर्ड को पकड़ नहीं सका है। जिसके कारण कॉलेज के स्टाफ, स्टूडेंट्स और आस-पास की कॉलोनियों में रह रहे लोगों में खौफ है।
कॉलेज के पार्किंग संचालक बाबूलाल शर्मा ने बताया- गुरुवार शाम करीब 5 बजे वह बाइक से निकल रहा था। मुख्य गेट की तरफ आने लगा तो बीच में ही साइड की दीवार के बीच में लगे गेट से कूदता हुआ लेपर्ड आया। उसे देख वह घबरा गया। तुरंत ही लेपर्ड दूसरी तरफ की दीवार के बीच में बने गेट को कूदककर जंगल में चला गया।
इसके बाद कॉलेज के स्टाफ को फोन किया। उसके आने पर थोड़ा साहस आया। इससे पहले वह घबरा गया था। इसके बाद वहां लेपर्ड के पगमार्क भी देखे हैं। वन प्रशासन को रोजाना लेपर्ड के पगमार्क दिखते हैं। लेकिन अब तक पकड़ने के इंतजाम पूरी तरह अधूरे हैं।
एक दिसंबर को दो महिलाओं को दिखा था
एक दिसंबर को लेपर्ड पहली बार जंगल में आई दो महिलाओं को दिखा था। महिलाओं शाम के समय घूमने आई थी। तब लेपर्ड वहां दीवार कूदकर गया था। 19 दिसंबर की शाम को लेपर्ड उसी जगह के आसपास कॉलेज के पार्किंग संचालक को दिखा है। इसके अलावा रोजाना लेपर्ड के पगमार्क यहां मिलते है। तीन पिंजरे वन प्रशासन ने जरूर लगा रखे हैं। लेकिन लेपर्ड उनमें फंसा नहीं ह्रै। इसके अलावा वन प्रशासन के पकड़ने के इंतजाम सुस्त हैं।