सिरोही। परिवार कल्याण के कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट सिस्टम, जो परिवार कल्याण के साधानों की भौतिक उपस्थिति और अनुपस्थिति की जानकारी देता है। इसको लेकर चिकित्सा संस्थान पर परिवार कल्याण स्टोर इंचार्ज को स्वास्थ्य भवन के सभागार में प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य भवन सिरोही में जिले के प्रति ब्लॉक स्तर से, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एवं यूपीएचसी पर कार्यरत परिवार कल्याण स्टोर इंचार्ज जो परिवार कल्याण के भारत सरकार पोर्टल एफपीएलएमआईएस का कार्य कर रहे हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिया गया।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार बताया कि गर्भवती महिलाओं की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रत्येक माह की 9, 18 एवं 27 पर चिकित्सा संस्थान पर बुलाकर जांच कर समय पर चार एएनसी जांच पूर्ण करना प्रत्येक कार्मिक का लक्ष्य है। सेक्टर में उच्च जोखिम वाली गर्भवति महिलाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे प्रसव के समय समस्या का सामना करना नहीं पडे़।
निशुल्क सोनोग्राफी
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार बताया कि विभाग के कार्मिकों को राज्य सरकार की मां वाउचर योजना के अंतर्गत प्रदेश की ऐसी गर्भवती महिलाएं जो की कम से कम 12 सप्ताह की गर्भवती है। वह राज्य के सरकारी एवं रजिस्टर्ड प्राइवेट सोनोग्राफी सेंटर पर निशुल्क सोनोग्राफी करवा सकेगी। साथ ही लाडो प्रोत्साहन योजना में एक लाख रुपए का सेविंग बांड कन्या के जन्म के समय दिया जायेगा। इस सेविंग बांड की धनराशि को लाभार्थी कन्याओं को 7 चरण में प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सा संस्थानों पर सरकार के नियमानुसार निशुल्क दवाई उपलब्ध हो साथ ही संस्थान पर 3 माह का स्टॉक भी अपने संस्थान पर रखने के लिए निर्देश दिए। जनता को राज्य व केन्द्र सरकार योजना का लाभ समय पर मिले इस हेतु सभी अपने मुख्यालय पर रहे साथ ही सरकार की सभी योजनाओं के बारे में लोगों को बताएं।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार बताया कि मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए एंटीलार्वा एक्टिविटी करने के साथ ही बुखार आ रहे लोगो के ब्लड स्लाइड लेवें व पीने के पानी स्रोतों के सैंपल लेने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिये।
बच्चे में 3 साल का अन्तराल
डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण) डॉ. चन्दन सिंह ने बताया कि माता एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य हेतु पहले बच्चे में 2 साल और दूसरे बच्चे में 3 साल का अन्तराल रखने के लिए अंतराल साधनों को अपनाने की बात की। उन्होंने बताया की परिवार कल्याण के स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे में अधिक से अधिक लोग को बताये साथ उपयोग में लाने के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारियों को परिवार कल्याण के साधन अपनाने वाले लाभार्थी को समय पर प्रोत्साहन राशि देने के आवश्यक निर्देश दिये।
आईपास संस्थान के जिला समन्वयक धीरज राजपुरोहित ने स्वास्थ्य कर्मचारियों परिवार कल्याण के भारत सरकार पोर्टल एफपीएलएमआईएस के बारे में विस्तृत से पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में जिले के सभी बीसीएमओ एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक नरेश कुमार, डीएनओ ओमप्रकाश वर्मा, जिला आईईसी समन्वयक दिलावर खां सहित स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।