करौली। जिले में जलदाय विभाग करीब 6 महीने बीतने के बाद भी जलापूर्ति सप्लाई वाल्व को बदला नहीं पाया है। विभाग की ओर से न ही उसे ठीक कराया पाया है। विभाग के अधीनस्थ कार्मिकों ने जिला स्तरीय अधिकारियों को भी इसकी जानकारी नहीं दी। चार दिन पहले जब जिला कलेक्टर को इस बारे में जानकारी मिली तो विभागीय अधिकारी हरकत में आए। विभागीय कार्मिकों की अनदेखी का खमियाजा 6 वार्डों की कई कॉलोनीवासियों को उठाना पड़ रहा है।
मामला करौली कृषि उपज मंडी यार्ड के पीछे स्थित उच्च जलाशय का है। जहां से जलापूर्ति के लिए पाइन लाइनें निकल रही हैं। वार्ड क्षेत्रों में सप्लाई की जाने वाली पाइपलाइन का वाल्व करीब 6 महीने पहले खराब हो गया। जिसकी कर्मचारी अनदेखी करते रहे। इससे जलापूर्ति बाधित हो रही है और केवल ओवरफ्लो के पानी से ही कॉलोनियों में पानी पहुंच रहा है, लेकिन ओवरफ्लो से समुचित पानी लोगों को नहीं मिल रहा और उन्हें पेयजल समस्या झेलनी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी अंतिम छोर पर स्थित घरों में होती है, जहां पानी पहुंच ही नहीं पाता है।
14 इंच का का है वाल्व
विभागीय सूत्रों के अनुसार करीब 14 इंच का सप्लाई वाल्व 6 महीने से खराब है। जिसकी कीमत करीब 90 हजार से एक लाख रुपए तक होती है। यह काफी भारी भी होता है। टंकी के ओवरफ्लो को डिस्ट्रिब्यूशन की लाइन में जोड़ दिया जाता है। जिससे ओवरफ्लो का जितना पानी होता है, वह ही पाइप लाइनों में पहुंच पाता है।
आरयूआईडीपी ने तैयार की थी जल योजना
राजस्थान अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) की ओर से कृषि उपज मंडी यार्ड के पीछे शहरी जल योजना के तहत उच्च जलाशय निर्माण के साथ पाइपलाइन डाली गई थी। 28.64 करोड़ रुपए की इस अनुमानित जल योजना के जरिए नगर परिषद क्षेत्र के 6 वार्डों में जलापूर्ति निर्धारित की गई। इनमें वार्ड नम्बर दो, चार, पांच, आठ, नौ और 32 को शामिल किया गया। इन वार्डों में कई कॉलोनियां बसी हुई हैं।
पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता परशुराम वर्मा ने बताया कि सप्लाई वाल्व के खराब होने की अभी तीन दिन पहले ही जानकारी मिली है। 14 इंच का वाल्व है, जिसे बदलने के लिए कार्रवाई की जा रही है। हिंडौन स्थित स्टोर में वाल्व के लिए जानकारी कर रहे हैं। नहीं मिलने पर फिलहाल इसे ही खुलवाकर मरम्मत कराई जाएगी।