जैसलमेर। जिले में प्रवासी पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। दो दिन पहले छोड़िया गांव के पास 6 मृत कुरजां के शव मिलने के बाद लखमणा नाडा के पास एक मृत कुरजां व एक बीमार कुरजां मिला है। ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर कुरजां के शव को अपने कब्जे में लिया है। दो दिन पहले मिले कुरजां के शवों के सैंपल लेकर भोपाल स्थित लैब जांच के लिए भेजे गए हैं। अब रिपोर्ट आने के बाद बर्ड फ्लू है या नहीं इसकी पुष्टि हो पाएगी। लगातार कुरजां पक्षियों के शव मिलने व बीमार अवस्था में मिलने के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है और टीम लगातार तालाबों पर दौरा कर रही है।
लगातार मिल रहे मृत पक्षी, रिपोर्ट का इंतजार
गौरतलब है कि इस साल प्रवासी पक्षियों में अजीब बीमारी फैल रही है। जिससे उनकी मौत हो रही है। हालांकि जैसलमेर में अभी तक मृत मिली कुरजां में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन पिछले महीने फलोदी के पास खींचन में मिली कुरजां में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। जिसके बाद अब जैसलमेर में भी प्रवासी पक्षियों की मौत होने से लोगों में इसे लेकर डर का माहौल पैदा हो गया है। वन विभाग द्वारा फील्ड से मृत प्रवासी पक्षियों के शव लेकर उसे पशु अस्पताल के सहयोग से भोपाल स्थित लैब भेजा गया है। भोपाल में स्थित राष्ट्रीय उच्च पशुरोग संस्थान (निषाद) की लैब है। जिसमें अब मृत कुरजां के सैंपल की जांच की जा रही है।
क्यूआरटी का गठन, बढ़ाई गश्त
वन विभाग के उप वन संरक्षक आशुतोष ओझा ने बताया- पशु पालन विभाग व वन विभाग की संयुक्त रूप से क्यूआरटी बनाई गई है। प्रवासी पक्षियों के मरने की सूचना के बाद क्यूआरटी के सदस्य ही मौके पर पहुंचकर शव अपने कब्जे में लेते है। शव को लेने से पहले कई प्रकार की सावधानियां बरतनी होती है। क्यूआरटी के गठन के साथ ही वन विभाग द्वारा तालाबों व विभिन्न जलाशयों पर गश्त भी बढ़ाई गई है। इसके लिए विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दे दिए गए है। जिसके तहत किसी भी जगह अगर मृत पक्षियों के शव मिलते है तो बिना किसी देरी के क्यूआरटी को सूचना दी जाए। जिसके बाद टीम द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने की आशंका
प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने की आशंका है। ऐसे में भोपाल से बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद नियमों की पालना सख्ती से की जाएगी। इस संक्रमण फैलने से इंसानों को भी नुकसान है। बताया जा रहा है कि यह संक्रमण पक्षियों से फैलकर इंसानों में भी आ सकता है। ऐसे में मृत पक्षियों के शवों को भी पूरी सावधानी के साथ उठाया जा रहा है। अगर यह संक्रमण फैल गया तो आगामी समय में इंसानों को भी इस बीमारी से बचाव के जतन करने होंगे।
हर साल आते हैं लाखों पक्षी
पश्चिमी देशों की ज्यादा ठंड के कारण वहां से रवाना होकर हर साल लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी जैसलमेर पहुंचकर अपना डेरा डालते है। यहां का वातावरण कम ठंडा होने के साथ ही शांत होने के कारण प्रवासी पक्षियों के लिए जैसलमेर पसंदीदा जगह है। ऐसे में बर्ड फ्लू का खतरा भी सबसे ज्यादा है।जिले के देगराय, भादरिया, लाठी के साथ साथ कई तालाबों आदि पर इन दिनों प्रवासी पक्षियों का डेरा है। ऐसे में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।