जोधपुर। जिले में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के प्रशिक्षण केंद्र में डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन में एक फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा गया। यह केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की आरक्षक भर्ती में आया था। बीएसएफ ने उसके भर्ती के दौरान लगे फोटो और मौजूदा फोटो देखे तो मिलान नहीं हुआ। परीक्षा के दौरान लिए अंगूठे के निशान का वेरिफिकेशन भी मैच नहीं हुआ। आगरा के फनेहाबाद के रहने वाले आरोपी कैंडिडेट विकास सिंह ने पूछताछ में बताया कि 3 लाख रु. में सौदा हुआ था। डमी कैंडिडेट ने उसकी जगह परीक्षा दी थी। बीएसएफ की मंडोर थाने में जीरो नंबर एफआईआर को मंडोर थानाधिकारी किशनलाल ने कानपुर भिजवाया है।
BSF में संभवत: पहली बार ऐसा मामला
सहायक प्रशिक्षण केंद्र के उप कमांडेंट मिथिलेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की आरक्षक भर्ती में विकास सिंह का चयन हुआ था। सीमा सुरक्षा बल में एसएसडी जीडी 2024 की ओर से आयोजित की गई भर्ती में प्रशिक्षण और नियुक्ति की कार्रवाई पूरी करने के लिए 21 जनवरी को रिपोर्ट किया था। इसमें सभी अभ्यार्थियों के दस्तावेज वेरिफिकेशन और बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन किया गया। इसमें विकास सिंह पकड़ा गया। उसने स्वीकार किया कि वह बीएसएफ में अनुचित तरीके से भर्ती होकर आया है।
3 लाख में सौदा, तुम्हें बस जॉब करनी
विकास ने बताया कि लिखित परीक्षा, शारीरिक मापदंड और शारीरिक चिकित्सा में उसके स्थान पर मनजीत था। इसके मनजीत को 2 लाख रु. दिए थे। हालांकि, फर्जीवाड़ा के लिए सौदा तीन लाख में हुआ था। मनजीत किसी शादी में मिला था। उसने कहा था कि वह उसकी जगह परीक्षा और फिजिकल देगा। उसे सिर्फ नौकरी करनी है।