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March 15, 2025 5:09 am


राजस्थान की कला को मिला नया मंच : राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने किया राजस्थली एम्पोरियम का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा रहे मौजूद

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Pankaj Garg

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जयपुर। राजस्थान की समृद्ध कला और संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। ई-न्यू भारत द्वारा राजस्थली एम्पोरियम का सौंदर्यीकरण और नवीनीकरण किया गया, जिसका भव्य उद्घाटन बुधवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राज्यपाल ने विधिवत रूप से फीता काटकर ‘राजस्थली एम्पोरियम’ के नवीन रूप का उद्घाटन किया।

समारोह की शुरुआत पारंपरिक राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों से हुई। इस अवसर पर राज्यपाल ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े अपने संबोधन में कहा, ‘राजस्थली एम्पोरियम का यह नया रूप न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को संजोएगा, बल्कि राज्य के हस्तशिल्प को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगा।

ई-न्यू भारत की यह पहल हमारे कुशल कारीगरों और कलाकारों को वैश्विक मंच पर लाने का सराहनीय प्रयास है।उद्घाटन समारोह में राजस्थान की परंपरागत कला और शिल्प को प्रदर्शित करने के लिए विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें ब्लू पॉटरी, बांधनी, जरी-जरदोजी, लकड़ी की नक्काशी, और राजस्थानी गहनों की विशेष झलक देखने को मिली। कला प्रेमियों ने इन अनोखे हस्तशिल्पों को सराहा और खरीदा भी।

उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इसे आधुनिकता और परंपरा का सुंदर संगम बताया। नए एम्पोरियम में आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला का खूबसूरत समावेश किया गया है। यहां डिजिटल इंटरेक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से आगंतुक उत्पादों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्रम में जयपुर के हस्तशिल्प कारीगर, सांस्कृतिक विशेषज्ञ और कला प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह पहल राजस्थान के कुशल कारीगरों और कलाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

राजस्थली की डायरेक्टर माया ठाकुर ने बताया कि राजस्थली के नए सफ़र के साथ करीब 70 आर्टीजन को मंच दिया गया है ,राजस्थान प्रदेश के विभिन्न शहरों के आर्टीजन की कला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ,पारम्परिक कलाओं को प्रमोट करने के लिए करीब 35 तरह के आर्ट अंड क्राफ्ट को डिस्प्ले किया गया है। इनमें मेटल ,सिल्वर, गोल्ड से तैयार पारंपरिक क्राफ्ट शामिल हैं । मीनाकारी, नक्काशी, हैंड पेंट से तैयार वुडन आर्ट, मार्बल आर्ट, ब्लू पॉटरी, ज्वेलरी,हैंडलूम साड़ी, लहंगा , लाख से बने प्रोडक्ट ,कालीन समेत कई चीजों को शामिल किया गया है। आर्ट प्रेमियों को ध्यान में रखते हुए आर्ट एंड क्राफ्ट को शामिल किया गया है। माया ठाकुर ने कहा कि कई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कलाकर की पारम्परिक कलाओं के यहां संजोया गया है ,जैसे नंद किशोर वर्मा द्वारा बनाई गई पेंटिंग ,मोहम्मद आवाज द्वारा बनाये गए लाख के प्रोडक्ट, पद्मश्री से सम्मानित मेघ राज सोनी के थेवा आर्ट को शामिल किया गया है।

उद्घाटन समारोह के दौरान उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने अपने उद्बोधन में कहा, ‘राजस्थली एम्पोरियम का सौंदर्यीकरण और नवीनीकरण आधुनिकता और परंपरा का सुंदर संगम है। यह पहल न केवल कला प्रेमियों को आकर्षित करेगी, बल्कि हमारे पारंपरिक शिल्प को भी संरक्षित और प्रोत्साहित करेगी। प्रेमचंद बैरवा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, ‘यह कदम न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों के आर्थिक सशक्तिकरण का भी माध्यम बनेगा।

Author: JITESH PRAJAPAT

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