नोखा। जिले के केडली गांव के राजकीय प्राथमिक स्कूल देवनाड़ा में जर्जर जलकुंड की छत गिरने से तीन छात्राओं की मौत के मामले में प्रशासन ने परिजनों की मांगों को मान लिया हैं। चार दिन से चल रहा आंदोलन शुक्रवार रात समाप्त हो गया। प्रशासन ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 20 – 20 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसमें सरकार की ओर से 5 लाख, सीएसआर से 5 लाख और मंडी से 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। साथ ही परिवार के सदस्यों को संविदा पर नौकरी भी दी जाएगी।
प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बीडीओ और सीबीईओ को निलंबित कर मुख्यालय भेज दिया है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की अगुवाई में जिला कलक्ट्रेट के सामने चल रहे धरने में देर रात समझौता हुआ। रात करीब 12 बजे वार्ता के बाद धरना समाप्त हुआ। नोखा पुलिस ने रात करीब 2 बजे बच्चियों के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। शनिवार को केडली गांव में तीनों बच्चियों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले परिजन तीन दिन तक नोखा के जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी के सामने धरने पर बैठे रहे। न्याय की मांग को लेकर वे पैदल बीकानेर पहुंचे थे। सांसद बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा में मामला उठने के बावजूद सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे पीड़ित परिवारों को बीकानेर आना पड़ा।