बिजौलिया, बलवंत जैन। जिले की मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में डबल इंजन सरकार में यूं तो घोषणाओं के अंबार लगाए जा रहे हैं। किंतु धरातल पर विकास संबंधित घोषणाएं शून्य साबित हो रही है। इसी क्रम में बिजौलिया उपखंड क्षेत्र के तीखी गांव में बिजौलियां से श्यामपुरा ( वाया तीखी, रूपपुरा, हमेरिया ) सड़क वर्तमान में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से बहुत खस्ताहाल अवस्था से गुजर रही है। उखड़े सड़क मार्ग से लोगों को आवागमन में बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राहगीरों एवं वाहन चालकों को आए दिन दुर्घटनाओं से सामना करना पड़ रहा है।
उक्त रोड़ वर्तमान में बिजौलियां कलां से थड़ौदा तक और श्यामपुरा से रूपपुरा तक बना हुआ हैं और अब केवल थड़ौदा से रूपपुरा तक ही शेष हैं।
इस रोड़ का वर्तमान में ग्रामीणों द्वारा बहुत उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में बरसात के कारण इतनी खराब हो गई है कि मोटरसाइकिल भी आसानी से नहीं निकाल सकती है। चिंतनीय विषय यह है कि इस गांव में आजादी के बाद से अभी तक पक्की सड़क नहीं बनी है। सड़क नहीं होने के कारण गांव में कोई बीमार हो जाए या डिलीवरी हो तो न तो एम्बुलेंस आती हैं और न ही कोई गाड़ी आती हैं गांव में गाड़ी लाने से डरते हैं।
एम्बुलेंस आ भी जाए तो घाटी से नीचे उतरने में सक्षम नहीं है। ग्रामीण रामराज मीणा ने बताया कि इस सड़क पर कई बार घटनाएं हो चुकी है। दो वर्ष सा पूर्व घटना में एक महिला के डिलीवरी हुई जिसमें आधा बच्चा बाहर आधा अन्दर एम्बुलेंस वाले ने आने से मना कर दिया तो चारपाई पर सुलाकर घाटी के ऊपर तक लेकर गए। पिछले वर्ष मेरी बहिन के डिलीवरी थी तो बिजौलियां से गाड़ी बुलाई जो आधे रास्ते में फंस गई। श्यामपुरा से बुलाई वो भी फंस गई फिर ट्रैक्टर से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। गांव के स्कूली बच्चों को बिजौलियां जाना पड़ता है जिनको रोजाना लाना ले जाना पड़ता है, गांव वालों को हर छोटा-बड़ा सामान लेने बिजौलियां जाना पड़ता है
इस रोड़ के माध्यम से श्यामपुरा, मोहनपुरा व महुआ पंचायतों के लगभग 15-20 गांवों का बिजौलियां से सीधा सम्पर्क है।
गांव वालों ने पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक, सरपंच, जिला कलेक्टर व उपखंड अधिकारी को बहुत बार ज्ञापन दिया है लेकिन सभी ने पक्की सड़क बनाने का केवल आश्वासन दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों व सरकार को ऐसे गांवों में भी ध्यान देना चाहिए जहां आजादी के बाद से कभी सड़क बनी ही नहीं है और वहां उसकी आवश्यकता है।
Author: AKSHAY OJHA
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