जयपुर। भाद्रपद शुक्ल एकादशी शनिवार को जलझूलनी एकादशी पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों में आयोजन किए जा रहे है। कृष्ण मंदिरों में एकादशी के तहत बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। जयपुर के समीप स्थित धार्मिक नगरी गोनेर के आराध्य देव भगवान लक्ष्मी जगदीश आज जगन्नाथ सरोवर में विभिन्न झांकियों के साथ जलविहार करेंगे।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक एकादशी तिथि शुक्रवार रात 10.31 से शुरू होकर शनिवार रात 8.42 बजे तक रहेगी। इस दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग एकादशी का व्रत रखते है। इस दिन को जलझूलनी, परिवर्तनी, पदमा एकादशी, डोल ग्यारस और वामन जयंती एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। दो महीने बाद देवउठनी एकादशी (12 नवंबर) को भगवान विष्णु का शयन समय यानि चातुर्मास समापन होगा।
पंचामृत अभिषेक कर नवीन नटवर वेश पोशाक धारण करवाई
गोविंददेवजी मंदिर में मंगला झांकी के बाद जलझूलनी पूजन किया गया। इस दौरान ठाकुर श्रीजी के दर्शन पट बंद रहे। भगवान का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। ठाकुर श्री जी को नवीन नटवर वेश पोशाक धारण करवाई गई और विशेष अलंकार श्रृंगार किया गया। एकादशी के अवसर पर भगवान को 1100 किलो फलों जिसमें सेब, नाशपाती, पपीता, अनार, अन्नानस और अंगूर का भोग लगाया गया। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्री शालिग्रामजी भगवान (नारायण जी) को विशेष छोटी चांदी के खाट पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिमी चौक तुलसी मंच पर ले जाया जाएगा। यहां वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक कर चंदन श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद आरती की जाएगी और भोग अर्पण किया जाएगा ।
हरिनाम संकीर्तन की स्वर लहरियों के साथ तुलसी मंच की चार परिक्रमा कराकर फिर से ठाकुर श्री शालिग्राम जी को खाट पर विराजमान किया जाएगा। मंदिर की एक परिक्रमा कराकर निज मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा शालिग्राम जी को ठाकुर श्रीजी के समीप विराजमान किया जाएगा। उसके बाद संध्या झांकी आरती दर्शन होंगे।
जल झूलनी एकादशी पर गोविंद देवजी मंदिर में झांकियों का समय
- मंगला झांकी- सुबह 4:30 से 5:15 तक
- धूप झांकी- सुबह 7:45 से 9.00 तक
- श्रृंगार झांकी-9:30 से 10:15 तक
- राजभोग झांकी-10:45 से 11:30 तक
- ग्वाल झांकी- 4:00 से 04: 15 तक
- जलझूलनी पूजन- 4:45 से 5:35 तक (ठाकुर श्रीजी के दर्शन पट बंद रहेंगे)
- संध्या झांकी- शाम 5:45 से 06:45 तक
- शयन झांकी-रात्रि 8.00 से 08: 30 तक
लकड़ी की 50 किलो वजनी पालकी पर भगवान करेंगे नगर भ्रमण
गोनेर के भगवान लक्ष्मीजगदीश मंदिर में कई आयोजन होंगे। यहां शोभायात्रा के साथ भगवान जगन्नाथ सरोवर में नौका विहार के लिए नगर भ्रमण पर जाएंगे। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से भगवान के विभिन्न स्वरुपों की झांकियां गाजे-बाजे के साथ शाम चार बजे से निकलेगी। 470 वर्ष पहले साक्षात प्रकटे लक्ष्मी जगदीश की मान्यता देशभर में है। बड़ी संख्या में पदयात्राएं यहां पहुंचेगी। सरोवर में भ्रमण के दौरान शाम को सागर की पाल पर आरती उतारी जाएगी। 25 से अधिक झांकियां विशेष होगी। गणेश जी, विष्णु भगवान के अवतार, भोलेनाथ का विवाह सहित अन्य झांकी खास होगी। लकड़ी की 50 किलो वजनी पालकी पर भगवान को लाया जाएगा।