बृजराज कृष्ण उपाध्याय : ने कहा गौमाता की दुर्दशा को देखते हुए, हम 22 सितंबर को गो भक्त सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।
हमारी मांग है कि प्रत्येक जिले में गोवंश के अनुपात में पृथक गोपालन पूर्ण दान दिलाया जाए, गाय संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना हो, और प्रत्येक गाँव में मूल्य गौशाला हो।
हम युवाओं से संकल्प लेंगे कि वे गोमाता के संवर्धन और संरक्षण के लिए आय का निश्चित हिस्सा निकालेंगे और बारी-बारी से अपनी मोहल्ले की गोशाला में जाकर सेवाएँ देंगे।
हम जनजागृति कर संवर्धन और संरक्षण के लिए मूल गौशाला के लिए प्रेरित करेंगे जिससे सड़क पर होने वाले हादसों से गोवंश की रक्षा हो सके।
गोवंश हमारी आस्था, सस्कृति और देश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। आदिकाल से गोवंश विश्व की अर्थव्यवस्था एवं समृद्धि का मूल आधार रहा है। हमारी सनावन परंपराओं में गोवंश में 33 कोटि देवताओं का निवारा माना गया है जिसे प्रत्येक भारतवासी, प्रत्येक सनातनी मानता है। यह हमारी परंपराओं में समाहित है लेकिन दुर्भाग्यवश, आज गोवंश सड़कों पर मटकने को मजबूर है, और इसका परिणाम हमारे समाज और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
– गोवंश बचाओ संघर्ष समिति ने विगत 20 वर्षों से गोवंश को बथाने एवं उनके संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महाअभियान चला रखा है इसके तहत मैंने राजस्थान के कई जिलों में पदयात्राएं व रेलिया सम्मेलन, नुक्कड़ मीटिंग आयोजित कर गोवंश को खोया सम्मान पुनः मिल सके इसके लिए प्रयास किए हैं।
गोवंश बचाओ संघर्ष समिति के माध्यम से हम नई जन क्रांति का सूत्रपात करेंगे जिसके तहत
>आम जनता को मोहल्ला गौशालाओं की स्थापना के लिए प्रेरित करना। प्रत्येक शहर और गांव में हर मोहल्ले एक गौशाला बनाई जाए, जहां गोवंश की देखभाल और उनके लिए आवास की व्यवस्था हो।
– प्रत्येक नागरिक अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा गोवंश के रखरखाव और सेवा के लिए समर्पित करने के लिए प्रेरित करेंगे।
>गोवंश की महत्ता के लिए जन जागृति अभियान प्रत्येक शहर, कस्बा एवं गांव के प्रत्येक मोहल्ले में अभियान के तौर पर चलाया जाएगा जिससे हर व्यक्ति गोवंश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेगा।
<- गोवंश सड़कों पर न भटके इसके लिए प्रत्येक मोहल्ले में समूह निर्माण कर समूह द्वारा गोवंश की उचित देखभाल की जा सके इसके लिए आम जनता को प्रेरित किया जाएगा जिससे गोवंश सड़कों पर न भटके।
<- गोवंश की सेवा को ’33 कोटि देवता के रूप में प्रचारित किया जाकर गौमाता को राष्ट्रमाता मानकर उनकी सेवा करना हर नागरिक का कर्तव्य रामझे इसके लिए प्रत्येक समाज के अध्यक्षों से संपर्क कर वहां चौपाल आयोजित कर उन्हें गोवंश पालन एवं उनके संरक्षण संवर्धन के लिए प्ररित किया जाएगा।