घोषणाओं की क्रियान्वित नहीं होने पर राज्य कर्मचारियों ने मनाया ज्ञापन दिवस
अलवर, 20 सितंबर। मुख्यमंत्री द्वारा वित्त एवं विनियोग विधेयक में राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को लेकर की गई घोषणा की क्रियान्विति नहीं होने के विरोध में आज हजारों राज्य कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आव्हान पर पूरे प्रदेश में ज्ञापन दिवस मनाया और जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन प्रस्तुत किया। अलवर जिले में यह ज्ञापन महासंघ के जिला मंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीराम मीणा के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल की ओर से जिला कलक्टर को सौंपा गया। वहीं प्रदेश की राजधानी जयपुर में यह ज्ञापन महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ एवं जिला अध्यक्ष छोटेलाल मीणा की अगुवाई में गए एक शिष्ट मंडल ने मुख्य सचिव को प्रस्तुत किया
इस संबंध में जानकारी देते हुए महासंघ (एकीकृत) के उपाध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 29 जुलाई 2024 को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की शेष सिफारिशों को 1 सितंबर 2024 से लागू करने की घोषणा की थी लेकिन राज्य सरकार ने समिति की रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक नहीं किया है। इससे प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक वेतन विसंगति परीक्षण समिति के रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक किया जावे और महासंघ के लंबित मांग पत्र पर उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित कराकर मांगों का निराकरण किया जावे। अन्यथा कर्मचारियों को राज्य व्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
महासंघ (एकीकृत) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय सिंह चौहान और प्रवक्ता यश जोशी ने लंबित मांगों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रमुख मांगों में-
(1) वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना।
(2) ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को यथावत रखना।
(3) चयनित वेतनमान का परिलाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पदोन्नति पद के समान देना।
(4) अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग का काॅडर रिव्यू कर द्वितीय पदोन्नति (सहायक प्रशासनिक अधिकारी) को ग्रेड पे 3600 के स्थान पर 4200 स्वीकृत करना।
(5) राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स- 2022 में जनता जल योजना कर्मी, एमएनडीवाई एवं एमएनजेवाई कर्मी, होमगार्ड, आंगनबाड़ी कर्मियों, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंशकालीन रसोई व चौकीदार, वन मित्र, कृषि मित्र एवं आईटीआई गेस्ट फैकल्टी आदि के पद नाम शामिल करना।
(6) तृतीय श्रेणी अध्यापकों , मंत्रालयिक कर्मियों (पंचायती राज सहित) एवं समस्त अधीनस्थ कार्मिकों के स्थानांतरण विकल्प पत्र के अनुसार करना ।
(7) ठेका एवं प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे संविदा/ठेका कर्मियों को शोषण से मुक्त करने के लिए बजट घोषणा 2023 के अनुसार आरएलएसडीसी के गठन का नोटिफिकेशन जारी करना।
(8) अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवा निवृत्ति तक जोड़ना।
(9) ग्रामीण कर्मचारियों को मूल वेतन का 10% ग्रामीण भत्ता स्वीकृत करना।
(10) राजस्थान परिवहन निगम को राजस्थान सरकार के विभाग के रूप में समाहित करना एवं रोडवेज कर्मचारियों को पेंशन/ वेतन का भुगतान राजस्थान सरकार की ट्रेजरी से करना। एवं
(11) महिला कर्मचारियों के लिए क्रैच की सुविधा प्रारंभ करना आदि शामिल है।