झुंझुनूं। अफेयर में ससुर बाधा बना तो ANM बहू ने उसका मर्डर करा दिया। साल 2016 में हुई इस हत्या के मामले में गुरुवार को झुंझुनूं जिला एवं सेशन कोर्ट ने बहू सहित 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। एक नाबालिग को बरी कर दिया गया है। लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने बताया- आठ साल पहले 2016 में डाकघर बचत एजेंट सुभाष चंद्र का मर्डर कर दिया गया था। जिला एवं सेशन न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने दोषियों कुल्हरियों की ढाणी निवासी सोनू पत्नी विकास कुमार, वारिसपुरा निवासी सुनील कुमार पुत्र सुभाष चंद्र, प्रदीप कुमार पुत्र सुभाष चंद्र और दीपेंद्र कुमार उर्फ मिकू पुत्र सुरेश कुमार को यह सजा सुनाई।
नीली बत्ती लगी कार में डाला, गला घोंटकर मारा
सुभाष चंद्र बिसाऊ डाकघर में अल्पबचत एजेंट था। वह कुल्हरियों की ढाणी में रहता था। उसके मर्डर के बाद चचेरे भाई सोहनलाल ने 15 जुलाई 2016 को बिसाऊ थाने में मामला दर्ज कराया। रिपोर्ट में सोहनलाल ने बताया- सुभाष रोज सुबह 11 बजे बिसाऊ डाकघर जाता था। दिन में घर-घर जाकर आरडी के पैसे जुटाता और रात को 10.30 बजे लौटता था। 14 जुलाई 2016 को सुभाष बस से उतरकर घर लौट रहा था। रास्ते में नीली बत्ती लगी एक टवेरा कार खड़ी थी। उसमें से उतरे दो व्यक्तियों ने सुभाष को पकड़ा और जबरन गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद मारपीट कर गला घोंटकर मार डाला। मर्डर के बाद उसे सड़क हादसे का रूप देने के लिए शव को कुल्हरियों की ढाणी बस स्टैंड पर पटक गए। आरडी के एक लाख रुपए भी छीनकर ले गए।
बहू को पसंद नहीं था अफेयर में रोक-टोक करना
बिसाऊ पुलिस ने मामले की जांच आगे बढ़ाई तो बहू की तरफ शक की सुई गई। सोनू को हिरासत में लिया तो बाकी आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पूछताछ में मर्डर के पीछे अफेयर की कहानी सामने आई। पुलिस के अनुसार- सोनू बिसाऊ के निजी हॉस्पिटल में एएनएम थी। वह कुल्हरियों का बास स्थित घर में परिवार के साथ रहती थी और रोजाना बिसाऊ जाती थी। इसी गांव के सुनील से उसका अफेयर शुरू हो गया। यह बात सुभाष को पता लगी तो उसने बहू का घर से निकलना बंद कर दिया। सोनू ससुर से रंजिश रखने लगी। उसने तीन बार ससुर को मारने की कोशिश की लेकिन वह हर बार बच गया। एक बार उसके आमरस में नींद की गोलियां मिलाई। आखिर उसने सुभाष को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। उसने सुनील से कहा कि ससुर का मर्डर हो जाए तो वह बेरोक-टोक उससे मिल सकती है।
प्रेमी ने दोस्तों को साजिश में शामिल किया
सुनील ने अपने दोस्त दीपेंद्र और प्रदीप को प्लान में शामिल किया। उन्हें सुभाष के आने जाने का रास्ता पता था। 14 जुलाई 2016 की रात वे रास्ते में टवेरा कार लेकर खड़े हो गए और सुभाष के आने का इंतजार करने लगे। लोगों को धोखा देने के लिए उन्होंने टवेरा कार पर नीली बत्ती लगा रखी थी। सुभाष आया तो उन्होंने उसे कार में डालकर मार डाला और शव को गांव के बस स्टैंड पर फेंक दिया। पुलिस ने सोनू पत्नी विकास कुमार, सुनील कुमार पुत्र सुभाषचंद्र, दीपेंद्र कुमार उर्फ मिकू पुत्र सुरेश कुमार तथा वारिसपुरा निवासी प्रदीप कुमार पुत्र सुभाषचंद्र के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। न्यायाधीश ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20-20 हजार का जुर्माना लगाया।
वारदात में शामिल नाबालिग को बरी किया
वारदात में शामिल एक नाबालिग के विरुद्ध बाल न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। बाद में नाबालिग का मामला भी हस्तांतरित होकर जिला सेशन न्यायालय में आ गया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा व पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट सुभाष पूनिया ने 40 गवाह पेश किए। 191 दस्तावेज भी रखे। पत्रावली पर आए सबूतों का विश्लेषण करते हुए न्यायाधीश ने नाबालिग को बरी किया।