जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में 23 हजार 820 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली गई है। लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर हर दिन विवाद बढ़ता जा रहा है। एक और जहां अलग-अलग श्रमिक संगठनों ने भर्ती प्रक्रिया की नियमों में संशोधन की मांग को लेकर आंदोलन कर रखा है। वहीं, अब संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है।
अनुभव सर्टिफिकेट को लेकर बढ़ रह विवाद
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा- सरकार ने हमारी मांग पर भर्ती नियमों में संशोधन तो कर दिया। लेकिन अभ्यर्थियों को सफाई अनुभव सर्टिफिकेट बनाने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं दिया। इसकी वजह से अब तक भर्ती प्रक्रिया बड़ी संख्या में बेरोजगार आवेदन नहीं कर पाए है। ऐसे में हम सरकार से मांग करते हैं कि सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया के आवेदन की तारीख को और आगे बढ़ाया जाए। सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे योग्य उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा ले सके। दरअसल, इससे पहले 5 नवंबर को स्वायत्त शासन विभाग 23 हजार 820 पदों पर निकली सफाई कर्मचारी भर्ती की तारीख को 15 दिन आगे बढ़ाकर बेरोजगारों को 20 नवम्बर तक आवेदन करने का मौका दे चुका है। जनप्रतिनिधियों के साथ ही श्रमिक संगठन और वाल्मीकि समाज एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया के आवेदन की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग कर रहा है। ऐसे में आवेदन की अंतिम तारीख को लेकर अब यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के स्तर पर अंतिम फैसला किया जाएग।
प्राइवेट कंपनियों की ओर से जारी प्रमाण-पत्र मान्य नहीं होंगे
राजस्थान में सफाई कर्मचारियों की होने वाली भर्ती में प्राइवेट कंपनियों की ओर से जारी प्रमाण-पत्र मान्य नहीं होंगे। नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद में सड़क की सफाई और सार्वजनिक सीवर की सफाई का काम करने वाली कंपनी और ठेकेदारों से जारी प्रमाण-पत्र ही मान्य होंगे। इनकी ओर से जारी प्रमाण-पत्र को नगर पालिका में अधिकारी और निगम आयुक्त या आयुक्त की ओर से नामित अधिकारी वेरिफाई करेंगे। जिसकी वजह से प्रदेशभर में सफाई कर्मचारी भर्ती के आवेदन प्रमाण-पत्र को लेकर विरोध हो रहा है।