जयपुर। सनातन संस्कृति की रक्षा और सनातन बोर्ड की स्थापना को लेकर आयोजित सनातन धर्म संसद में जयपुर के डॉ. आचार्य राजानन्द शास्त्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु संवर्धन परिषद भारत के चेयरमैन राहुल द्विवेदी और अभय दास महाराज ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। यह धर्म संसद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज द्वारा जगराम गार्डन, यमुना खादर, दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी महाराज, द्वारका पीठ शंकराचार्य, सीहोर के प्रदीप मिश्रा, हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज और टी. राजा सहित अनेक धर्माचार्य उपस्थित रहे। आयोजन में देशभर से लगभग 2 लाख श्रद्धालु और सनातनी विचारधारा से जुड़े लोग शामिल हुए।
सनातन संस्कृति और अधिकारों की रक्षा पर जोर
डॉ. आचार्य राजानन्द शास्त्री ने बताया कि धर्म संसद में सनातन संस्कृति, शास्त्रों और वेदों के संरक्षण, संतों की सुरक्षा और मंदिरों में आने वाले दान की पारदर्शिता पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड का उद्देश्य किसी को भयभीत करना, विभाजन करना या किसी की जमीन हड़पना नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म और उसके अनुयायियों के अधिकारों और परंपराओं की रक्षा के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि “हिंदू हैं हम, हिंदुस्तान हमारा है” के विचार को वास्तविक रूप देने के लिए यह बोर्ड आवश्यक है।
चांदी की गदा भेंट कर दिया सनातन सुरक्षा का संदेश
कार्यक्रम में जयपुर के जौहरी बाजार में निर्मित चांदी की गदा देवकीनंदन ठाकुर को भेंट की गई। यह गदा डॉ. आचार्य राजानन्द शास्त्री, राहुल द्विवेदी, और हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज ने संयुक्त रूप से भेंट की। इस प्रतीकात्मक उपहार के माध्यम से सनातन धर्म और उसकी सुरक्षा का संदेश दिया गया।
विशिष्ट धर्माचार्यों की उपस्थिति
धर्म संसद में द्वारका पीठ के शंकराचार्य, हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज और अन्य विशिष्ट धर्माचार्यों ने भी सनातन संस्कृति के संरक्षण और धार्मिक एकता पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान विभिन्न संतों ने सनातन धर्म के भविष्य और उसे सुदृढ़ बनाने के लिए विचार-विमर्श किया।


