अलवर। शहर की पॉश कॉलोनी स्कीम एक में रह रहे चिनार पब्लिक स्कूल के मालिक नीरज गर्ग के घर उनके 80 साल के बुजुर्ग माता-पिता को बंधक बना डकैत बुधवार रात 22 लाख कैश, 100 चांदी के सिक्के, एक सोने की चेन लेकर गए हैं। बुर्जुग दंपती (हरीश चंद गर्ग व तारा देवी) के इकलोते बेटे नीरज गर्ग के अलवार लौटने पर यह मालूम के चला है। जिन्होंने पुलिस को भी यही रिपोर्ट दी है। पुलिस गुरुवार सुबह से CCTV के आधार पर बदमाशों की पहचान करने में लगी है। लेकिन शुक्रवार सुबह तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं है। जिसके कारण शहरवासियों में गुस्सा है कि इतनी बड़ी वारदात शहर के बीच में हो गई।
पिता के हाथों में सूजन व खून जमा
नीरज गर्ग के पिता हरीश चंद के हाथ, पैर को सख्ती से बांध दिया था। जिसके कारण उनके हाथों में सूजन आ गई है। कई जगह खून जम गया। कुछ जगहों पर निशान हो गए हैं। जिससे पता चलता है कि बदमाशों ने बेरहमी से उनको बांधा और उनके साथ हाथापाई भी की थी। जिसका खौफ उनके पिता के चेहरे पर अब भी कायम है। वे इतना ही बता पाते हैं कि बदमाशों ने उनको जकड़ लिया और कसरकर बांध दिया था। उनकी आंखों पर भी पट्टी बांध दी थी। मुंह में कपड़े ठूस दिए थे। जिससे सांस लेने में भी दिक्कत थी। मुंह छिलने से हल्के खून आ गए थे।
मां के हाथों के सोने के कड़े नहीं ले जा सके
बदमाशों ने नीरज गर्ग की मांग तारा देवी के गले की सोने की चेन तो छीन ली। लेकिन उनके हाथों के कड़े नहीं ले जा सके। असल में बदमाशेां ने पहले तारा देवी के हाथ बांध दिए। जबकि उनके एक हाथ पहले फ्रैक्चर हो चुका था। पैर भी बांधे थे। हाथ-पैर बांधने के बाद बदमाशों की नजर सोने के कड़ों पर पड़ी। तब बुजुर्ग मां ने साहस दिखाते हुए कहा कि तुमको शर्म नहीं आती है। बुजुर्ग पर तीन-तीन जने हमला करने में लगे हो। जब कड़े निकालने को बोला तो बुजुर्ग ने कहा कि ये तो नकली हैं। इसके बाद बदमाश हाथ बांधने के कारण कड़े नहीं निकाल सके। वे बार-बार बुजुर्ग महिला से तिजोरी की चाबी पूछते रहे। इसके अलावा कुछ नहीं बोले।
पत्नी की बहन की बेटी शादी छोड आए नीरज
नीरज ने बताया कि 22 नवंबर को बरेली में उनके साढू की बेटी की शादी है। लेकिन शादी से पहले ही 20 नवंबर की रात को घर में डकैती हो गई। इस कारण शादी छोड़कर आना पड़ा। यहां आने के बाद पूरे घर को संभालने पर पता चला है कि करीब 22 लाख रुपए की नकदी, 100 चांदी के छोटे-बेड़े सिक्के, एक सोने की चेन बदमाश लेकर गए हैं। लेकिन मैंने मां-पिता को सकुशल पाकर राहत पाई है। मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी वही हैं। परंतु बदमाशों का दुस्साहस इतना बढ़ गया कि पॉश कॉलोनी में डकैती कर गए। अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं।
वहीं बुजुर्ग तारा देवी का कहना है कि अब तक पुलिस कुछ नहीं कर सकी है। हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी बदमाशेां को अरेस्ट किया जाए। ताकि दूसरे लोगों को राहत मिल सके।
बुजुर्ग राधेश्याम गुप्ता का कहना है कि डर पैदा हो गया है। पहले यह राम राज लगता था। लेकिन अब हर आदमी घबराया हुआ है कि कैसे घर छोड़कर ब्याह शादी में जाएंगे। गंभीर हालत पैदा हो गए हैं। पल्लीवाल महासभा अलवर शाखा के अध्यक्ष बिजेंद्र कुमार जैन का कहना है कि यह निंदनीय घटना है। अब पुलिस प्रशासन को अलर्ट होकर काम करने की जरूरत है। ताकि आमजन को राहत मिल सके।