जयपुर। मालपुरा दंगा मामले में सांप्रदायिक दंगा मामलों की विशेष अदालत ने 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं। करीब 24 साल पहले टोंक जिले के मालपुरा में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। जिसमें 6 अलग-अलग लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में दो नाबालिग भी शामिल थे। घटना को लेकर मालपुरा थाने में चार एफआईआर दर्ज हुई थी। मृतको के परिजनों की ओर से यह एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इनमे से एक मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए अभियुक्त इस्लाम, मोहम्मद इशाक, अब्दुल रज्जाक, इरशाद, मोहम्मद जफर, साजिद अली, बिलाल अहमद और मोहम्मद हबीब को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं।
निर्ममतापूर्ण घटना को अंजाम दिया, नरमी नहीं
मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि अभियुक्तों ने धारदार हथियारों से इस निर्ममतापूर्ण घटना को अंजाम दिया है। ऐसे में अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले में मृतक की विधवा धन्नी देवी ने 10 जुलाई, 2000 को मालपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि वह अपने पति हरिराम के साथ खेत पर जा रही थी। इस दौरान अभियुक्तों ने धारदार हथियार से उसके पति पर हमला बोल दिया और उसके शरीर पर कई जगह वार किए। जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
तीन मामलों में फैसला आना बाकि
मामले में से जुड़े अधिवक्ता पुरुषोत्तम बनवाड़ा ने बताया कि साल 2000 में मालपुरा में दो संप्रदायों के बीच दंगा हुआ था। जिसमें एक पक्ष से हरिराम और कैलाश माली की मौत हो गई थी। वहीं दूसरे पक्ष से भी चार लोगों की मौत हुई थी। दोनों पक्षों की ओर से मामले दर्ज कराए गए थे। अदालत ने अभी एक मामले में फैसला सुनाया है। शेष तीन मामलों में भी जल्द फैसला आने की संभावना हैं। इन मामलों में 8 आरोपी चार्ज की स्टेज पर ही हाई कोर्ट से बरी हो चुके है। वहीं शेष आरोपियों को लेकर फैसला आएगा।