चित्तौड़गढ़। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी को लेकर चित्तौड़गढ़ में विरोध जताया गया। इस प्रदर्शन में सर्व हिन्दू समाज शामिल हुए। यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक किया गया। सभी पहले इंदिरा गांधी स्टेडियम से पदयात्रा करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां सभी ने संतों के नेतृत्व में रामधुन गाया गया। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
रामद्वारे से रमता राम जी महाराज ने कहा कि हमने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया है। इसका मकसद यह था कि बांग्लादेश में जो हिंदुओं और हिंदू संतों पर अत्याचार किया जा रहा है, इस विषय पर सरकार जल्द से जल्द हस्तक्षेप करे। भारत सरकार इस मामले में सही दिशा में काम करे। आज तो सभी हिन्दू शांति से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन ऐसा लगातार चला तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।
संतों के सानिध्य में निकाली पदयात्रा
दरअसल, बांग्लादेश प्रशासन ने वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया। वहां के अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय पर अत्याचार किया जा रहा है। बुधवार को सर्व हिन्दू समाज के संगठनों ने इस उत्पीड़न के खिलाफ इंदिरा गांधी स्टेडियम में एकत्रित हुए। यहां हजारेश्वर मंदिर के महंत चन्द्रभारती जी महाराज, रामद्वारे के रमता रामजी, इस्कॉन मंदिर के कृष्ण दास महाराज भी पहुंचे। तीनों संतों के सानिध्य में सभी पदयात्रा करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां मानव श्रृंखला बनाने के बाद सभी ने शांति से रामधुन गाया। सभी की तरफ से संतों ने कलेक्टर आलोक रंजन के सामने अपनी मांग रखी। यह ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा गया।
‘हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोके सरकार‘
पार्षद अनिल ईनाणी ने बताया कि हम सभी चाहते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके खिलाफ भारत सरकार हस्तक्षेप करें। बांग्लादेश के हिंदुओं को बचा ले। अगर हिंदू रास्ते पर आया तो सरकार को जवाब देना होगा। भारत सरकार बांग्लादेश की सरकार से बात करके इसका हल निकाले। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष किशन पिछोलिया, हेमंत जैन, राजकुमार कुमावत, अनिरुद्ध सिंह भाटी, मनोज सोनी, अनिल चतुर्वेदी, धर्म पाल गोयल भी मौजूद थे।