बयाना। कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव नगला सराय भम्बू में रविवार सुबह भागवत कथा के लिए इकट्ठी की गई चंदा राशि के हिसाब के दौरान अचानक उत्तेजित हुए एक फौजी युवक रामकुमार उर्फ सोनू गुर्जर ने अपनी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। अचानक फायरिंग से मौके पर मौजूद ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। लोगों ने दीवारों की ओट में छुपकर अपनी जान बचाई।
ग्रामीण हेतराम फायरिंग में बाल- बाल बचा। गोली उसके कान के बगल से होकर निकल गई। बाद में बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों ने फायरिंग करने वाले फौजी को काबू किया और पुलिस को सूचना दी। बाद में झगड़े में महिलाएं भी शामिल हो गईं। महिलाओं ने भी पथराव किया।
फायरिंग की सूचना पर कोतवाली थाना एसएचओ बाबूलाल गुर्जर और डयूटी ऑफिसर एएसआई जितेंद्र शर्मा पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फौजी घर से फरार हो गया। घटना को लेकर पीड़ित पक्ष की ओर से कोतवाली थाने पर मामला दर्ज कराया गया है। झगड़े का वीडियो भी वायरल हुआ है।
एक ग्रामीण के कान के बगल से निकली गोली
गांव नगला सराय भम्बू निवासी शेरसिंह गुर्जर की ओर से पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि गांव में गमी होने की वजह से भागवत कथा का भंडारा नहीं हो पाया था। महिला के निधन पर पगड़ी रस्म होने के बाद रविवार सुबह ग्रामीण कथा के दौरान उगाही गई चंदा राशि के हिसाब को लेकर चौपाल पर बैठकर चर्चा कर रहे थे।
आरोपी फौजी बेटे रामकुमार उर्फ सोनू और उसके पिता रिटायर्ड फौजी बृजेन्द्र ने गाली गलौज करना शुरू कर दिया। रामकुमार ने अपनी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। एकसाथ 8-10 फायर होने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। कान के बगल से गोली निकल गई। ग्रामीणों ने बा मुश्किल फायरिंग करने वाले फौजी रामकुमार को काबू में किया और पुलिस को सूचना दी।
हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो, लिखा- दहशत के लिए नाम ही काफी है…
आरोपी सोनू गुर्जर सोशल मीडिया पर एक्टिव है। उसने कई फोटो बंदूकों और तलवार के साथ भी डाल रखे हैं। जिनमें पोस्ट मेटर भी चेलेंजिंग और सोशल दृष्टि से धमकाने वाला है। मसलन, एक पोस्ट में बंदूक के साथ फोटो के नीचे लिखा है कि- हथियार तो हम शौक के लिए रखते हैं, दहशत के लिए तो नाम ही काफी है। इसके अलावा तलवार सहित एक पोस्ट में लिखा है कि – अभी तो हमारे चर्चेे शुरू ही हुए है और जलने वालों ने अभी से फडफड़ाना शुरू कर दिया है।
चंदा में 3.25 लाख रुपए हुए थे एकत्रित
17 नवंबर को भागवत कथा शुरू हुई थी। करीब 3.25 लाख रुपये चंदा इकट्ठा हुआ था। 24 नवंबर को कथा का अंतिम दिन था और 25 नवंबर को भंडारा होना था। लेकिन 23 नवंबर को आरोपी फौजी रामकुमार गुर्जर उर्फ सोनू के चचेरे भाई की 22 वर्षीया पत्नी की मौत हो गई थी। इस कारण से ग्रामीणों ने भंडारा स्थगित कर दिया था।
6 दिसंबर को मृतका का पगड़ी रस्म का कार्यक्रम हुआ था। रविवार को सुबह 10 बजे ग्रामीण बची हुई चंदा राशि के बारे में विचार विमर्श करने के लिए एकत्र हुए थे। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि बचे हुए पैसे से बाद में भंडारा कर दिया जाए। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना था कि बची हुई चंदा राशि को जिसने पहले जितना चंदा दिया था, कथा का खर्चा काटकर उसके अनुपात में उन्हीं लोगों यानी चंदा देने वालों को वापस लौटा दी जाए।
“फायरिंग की सूचना पर वह पुलिस टीम के साथ मौके पर गए थे। लेकिन आरोपी फौजी मौके से फरार हो गया था। ग्रामीणों की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। मामले में अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”