दौसा। जमीन विवाद में रंजिश के चलते मारपीट व जानलेवा हमले के सात साल पुराने मामले में सिकराय (दौसा) एडीजे कोर्ट 2 दोषियों को सजा सुनाई है। मामला 13 मई 2017 को मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के खेड़ी रामला गांव का है। पीड़ित रामेश्वर मीणा निवासी गगवाना ने बालाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी ससुराल खेड़ी रामला गांव में है। उसके ससुर बद्री प्रसाद व रामस्वरूप मीणा के बीच जमीन संबंधी पारिवारिक रंजिश चल रही है। उसके ससुर की जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर खेड़ी रामला की सीमा में जमीन है, जिस पर 20 साल से हनुमान मंदिर के पीछे पाटोल बना रखी है, पास में ही ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन लगा हुआ है। करीब 12 महीने से मेरे सास-ससुर इस पाटोल में रहते हैं।
9 मई को वह ससुराल में मिलने आया था। उसका साला भीम सिंह, रामकेश तथा ससुर बद्रीप्रसाद, सास और पत्नी सो रहे थे। इस दौरान रात करीब 10:30 बजे रामस्वरूप व उसके बेटे प्रेम सिंह, दीनदयाल समेत कई अन्य लोगों ने धारदार हथियार व लाठी-डंडों से अचानक उन पर हमला कर दिया। प्रेम सिंह ने तलवार से भीम सिंह पर हमला कर दोनों हाथ व दाहिना पैर काट दिया तथा अन्य परिवार के लोगों के साथ भी बेरहमी से मारपीट की। इसकी सूचना पर घायलों को बालाजी पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया।
इस संबंध में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश की। अपर लोक अभियोजक एडवोकेट ताराचंद गुर्जर ने बताया कि एडीजे प्रदीप कुमार ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए दोषी दीनदयाल पुत्र रामस्वरूप मीणा निवासी खेड़ी रामला को 10 वर्ष का कठोर कारावास और बीस हजार का जुर्माना व एक अन्य दोषी प्रेम सिंह पुत्र रामस्वरूप मीणा निवासी को भी 10 साल के कठोर कारावास और बीस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।