लालसोट। दुकानदार ने दुकान नहीं चलते पर पड़ोसी दुकान मालिक को आर्म्स एक्ट के झूठे मामले में फंसा दिया। मामला दौसा जिले झांपदा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
झांपदा थाना अधिकारी मदन लाल मीणा ने बताया-रणजीत और सुरेंद्र श्यामपुरा गांव (लालसोट) के रहने वाला है। दोनों की आस पास में ही रेडीमेड स्टोर की दुकान है। रणजीत सिंह की रेडीमेड की दुकान कम चलती थी। वहीं पड़ोसी सुरेंद्र सिंह की दुकान अच्छी खासी चल रही थी। दीपावली का सीजन होने के चलते पड़ोसी रणजीत सिंह ने साजिश रचकर सुरेंद्र और उसके भाई विष्णु को आर्म्स एक्ट के मामले में फंसा दिया।
पुलिस ने बताया- 29 अक्टूबर को रणजीत ने अपने दोस्त सीताराम से संपर्क कर जितेश से एक हथियार खरीदा और सीताराम के जरिए दुकान पर रखवा दिया। 29 अक्टूबर को एक युवक बैग लेकर सुरेंद्र की दुकान पर पहुंचा। जहां उसका भाई विष्णु बैठा था। युवक ने विष्णु से कहा-मैं थोड़ी देर बाद में आकर यह बैग वापस ले जाऊंगा, लेकिन विष्णु को शक हुआ और उसने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में बैग को खोला तो उसमें देसी कट्टा रखा हुआ था। इसके बाद सुरेंद्र और विष्णु को पुलिस ने पकड़ लिया।
इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर श्यामपुरा कस्बे को बंद रखा और सड़क बंद कर जाम लगाया। इसके बाद मामले में दौसा एसपी रंजीता शर्मा ने झांपदा थाना पुलिस और DST टीम को मामले की जांच के निर्देश दिए।
इसके बाद जांच में सामने आया कि पड़ोसी दुकानदार रणजीत ने जितेश से हथियार खरीद कर सीताराम के माध्यम से अपनी दुश्मनी निकालने के लिए पड़ोसी दुकानदार के पास पहुंचा दिया। इस मामले में पुलिस ने समेल गांव सीताराम मीणा (30) और श्रीसंपतपुरा गांव निवासी जितेश उर्फ जीतू मीणा (22) को अरेस्ट किया है। वही मुख्य आरोपी रणजीत सिंह की तलाश जारी है।