झालावाड़। तीन लोगों को जिंदगी और 2 लोगों को रोशनी देने वाले विष्णु की पत्नी को जिला प्रशासन ने आर्थिक संबल प्रदान करते हुए हेल्पर की अस्थाई नौकरी का प्रस्ताव दिया है। दो भाइयों के झगड़े में एक भाई की सिर में चोट लगने से ब्रेन डेड होने के बाद परिवार की ओर से अंगदान किया गया था।
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि अंगदान करने वाले ऐसे परिवारों को आर्थिक संबल की जरूरत को देखते हुए उसकी पत्नी को झालावाड़ अस्पताल की मेडिकल सोसाइटी में अस्थाई हेल्पर के रूप में नौकरी दी जाएगी। फिलहाल परिवार में अंतिम संस्कार के बाद की रस्में पूरी होने के बाद वह नौकरी पर जा सकेगी। जिला प्रशासन की इस पहल का आमजन ने भी स्वागत किया है।
झालावाड़ में बने ट्रांसप्लांट सेंटर तो मिले लाभ
यहां मेडिकल स्टाफ से जानकारी मिलने पर उन्होंने बताया कि झालावाड़ में ट्रांसप्लांट सेंटर नहीं होने के कारण जयपुर जोधपुर अंगों को भेजा जाता है, जबकि किडनी के लिए कोटा में यह सुविधा मौजूद है। ऐसे में झालावाड़ में भी यह केंद्र बने तो यहां के स्थानीय लोगों को पहली प्राथमिकता मिल सकेगी। यहां की टीम केवल अंग निकालने तक सीमित रहती है।