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July 15, 2025 1:09 pm


अजमेर दरगाह विवाद- याचिकाकर्ता पर फायरिंग का दावा : मंदिर होने की याचिका लगाई है, जयपुर लौटते समय हमला; गुप्ता बोले- मैं डरने वाला नहीं

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

अजमेर। अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने की याचिका लगाने वाले विष्णु गुप्ता पर फायरिंग का दावा किया जा रहा हैं। अजमेर से जयपुर लौटने के दौरान शनिवार सुबह 6 बजे उनकी कार पर गोली चलाई गई है।

बताया जा रहा है कि दो बाइक सवारों ने गोली चलाई है। हालांकि, पुलिस ने फायरिंग होने की बात कंफर्म नहीं की है। गुप्ता ने फायरिंग को लेकर कहा कि ये हमला सोची समझी साजिश है।

मैंने बाइक सवारों को भागते देखा- विष्णु गुप्ता

विष्णु गुप्ता ने बताया कि जैसे ही फायर की आवाज आई मैंने ड्राइवर को गाड़ी भगाने को कहा। मैंने गाड़ी में पीछे देखा तो पता चला कि दो बाइक सवार आए थे। ये हमला सोची-समझी साजिश है ताकि इस केस को मैं आगे नहीं बढ़ा सकूं। मुझे पहले भी धमकी मिली है लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।

जांच की जा रही है- पुलिस

सीओ (ग्रामीण) रामचंद्र चौधरी ने बताया कि शनिवार सुबह विष्णु गुप्ता अपनी कार से जयपुर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि करीब 6 बजे गगवाना के पास बाइक सवार दो युवकों ने उन पर गोली चलाई और फरार हो गए।

युवक कौन थे, कैसे दिख रहे थे इसके बारे में जानकारी नहीं है। मौके पर एफएसएल टीम को बुलाया गया है। गुप्ता ने पुलिस को बताया कि गोली ड्राइवर साइड के पीछे बाहर की तरफ लगी है।

पहले भी मिल चुकी है याचिकाकर्ता को धमकी

करीब 3 महीने पहले भी विष्णु गुप्ता ने अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाने में धमकी भरे फोन कॉल को लेकर शिकायत दी थी। इसमें दावा किया गया था कि कॉलर ने उन्हें कोर्ट में दायर वाद को वापस लेने की धमकी दी थी।

उसने कहा था कि-केस वापस ले लो नहीं तो जान से मार देंगे। विष्णु गुप्ता ने बताया था किञ करीब 40 से 50 सेकेंड पर वॉट्सऐप पर कॉलर से बात की थी। इसके बाद उन्होंने कॉल काट दिया। लेकिन, कॉलर की ओर से उसे वॉट्सऐप पर ऑडियो भेज कर गाली गलौज की गई।

कौन है विष्णु गप्ता?

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ​​​​​​ने सिविल कोर्ट में अजमेर दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका लगाई थी।

इसे 27 नवंबर 2024 को इस याचिका को सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी। इस मामले में 24 जनवरी तक दो सुनवाई हो चुकी हैं।याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है। साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात कही गई।

मामले में अजमेर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा था।

इसके बाद अंजुमन कमेटी, दरगाह दीवान, गुलाम दस्तगीर अजमेर, ए इमरान बैंगलोर और राज जैन होशियारपुर पंजाब ने अपने आप को पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई थी।

एक मार्च है अगली सुनवाई

शिव मंदिर होने के दावे की याचिका खारिज करने की मांग वाली एप्लिकेशन पर शुक्रवार (24 जनवरी) को सुनवाई हुई। याचिका में दरगाह कमेटी ने कहा था कि वादी की ओर से लगाई गई याचिका को खारिज किया जाए।

यह सुनवाई योग्य नहीं है। इस पर कोर्ट ने विष्णु गुप्ता से जवाब मांगा तो उन्होंने जवाब पेश किया गया। इस जवाब पर दरगाह कमेटी ने समय मांगा। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 1 मार्च की तारीख दी है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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