जयपुर। नगर निगम ग्रेटर में आज लम्बे समय बाद साधारण सभा की बैठक बुलाई गई है। जो दोपहर 1 बजे शुरू होनी थी, लेकिन नगर निगम मेयर डॉ सौम्या गुर्जर 1.36 बजे निगम पहुंची। मेयर से पहले सांसद मंजू शर्मा सदन में पहुंच गई थीं। जो काफी देर मेयर का इंतजार करती रहीं।
इस दौरान सांसद मंजू शर्मा ने विधायक और सांसद की बैठने की जगह गंदगी को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- यहां बहुत ज्यादा धूल मिट्टी फैली है। इसे साफ कराया जाना चाहिए। इसके बाद नगर निगम कमिश्नर रुक्मणी रियाद भी संसद के पास पहुंची। उन्होंने आश्वस्त किया कि इसे जल्द साफ करवा दिया जाए।
मेयर के आने के बाद शुरू हुई जयपुर नगर निगम की बैठक दिवंगत राजनेताओं और हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बैठक स्थगित होने के साथ ही कांग्रेस के एक पार्षद ने मिठाई के डिब्बे में कुछ कचरा भरकर मेयर की टेबल पर रख दिया। पार्षद ने कहा- मिठाई जनता ने आपके लिए भिजवाई है।
23 से ज्यादा प्रस्ताव रखे गए
बता दें कि इस बैठक में 23 से ज्यादा प्रस्ताव रखे गए हैं। इसमें ज्यादातर प्रस्ताव उन कार्यों की टेंडर और वित्तीय स्वीकृति लेने के है, जिनके काम साल 2023 और 2024 में किए जा चुके हैं। इसके अलावा सबसे चर्चित प्रस्ताव नगर निगम की वर्तमान कमेटियों (संचालन समितियों) के अध्यक्षों और सदस्यों सहित उनके कार्य संचालन पर चर्चा का है।
चर्चा है कि इस प्रस्ताव के जरिए मेयर सौम्या गुर्जर वर्तमान में संचालन समितियों के तमाम अध्यक्षों और उनके सदस्यों में बदलाव करवाना चाहती है। इस प्रस्ताव पर सदन में विपक्ष से पहले पक्ष के लोग हंगामा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि मेयर वर्तमान में कई अध्यक्षों और समितियों के सदस्यों की कार्यप्रणाली से नाखुश है, जिसके चलते ये प्रस्ताव लाया गया है।
ई-गवर्नेंस के लिए 28.74 करोड़ रुपए की स्वीकृति का प्रस्ताव
वर्तमान में नगर निगम ग्रेटर में अधिकांश काम ई-फाइलिंग के जरिए होने लगे हैं। इससे न केवल आमजन के काम-काज में होने वाली देरी की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होती है। बल्कि फाइल के मूवमेंट और उसकी जगह को भी ट्रैक किया जाता है। इस सिस्टम को बनाने और उसके संचालन के लिए 28.74 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की जा रही है, जिसके लिए आज वित्तीय स्वीकृति लेने का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया है।