बांसवाड़ा। बांसवाड़ा में जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने 5 गिरदावर और 2 पटवारी को बुधवार को सस्पेंड कर दिया है। इन सभी पर नेशनल हाईवे 927-ए के किनारे गढ़ी तहसील में 91 बीघा सरकारी जमीन को मिलीभगत कर लोगों के नाम (खातेदारी) करने का आरोप है। इसी मामले में आनंदपुरी के नायब तहसीलदार अनिल ताबियार को निलंबित करने के लिए राजस्व मंडल को पत्र लिखा है।
गढ़ी तहसीलदार ने एसीबी में कराया मामला दर्ज
वहीं, डूंगरपुर जिले के चीखली पटवार मंडल के पटवारी निखिल गरासिया को डूंगरपुर कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। सेवानिवृत्त तहसीलदार केसरसिंह समेत सभी आरोपी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ गढ़ी तहसीलदार ने 12 फरवरी को एसीबी में मुकदमा दर्ज कराया है। इसी तरह सभी आरोपियों की ओर से खातेदारी की गई 91 बीघा जमीन को खातेदारी से वापस सरकारी नाम दर्ज कर दिया है।
राजस्व मंडल को लिखा लेटर
कलेक्टर डॉ. यादव ने बताया कि गढ़ी तहसील में वर्ष 2022 से 2023 के बीच बेड़वा, साकरिया, भगोरा और रोहिड़ा में सरकारी जमीन को मिलीभगत से लोगों के नाम कर दी। इस पर भगोरा पटवारी नीलेश परमार, आरपीजी पटवारी अभिलाषा जैन, वजवाना गिरदावर दीपक जैन, परतापुर गिरदावर गौतमलाल पाटीदार, प्रदीप सुथार, खेड़ा गिरदावर दिनेशचंद्र पाटीदार और अविनाश राठौड़ को निलंबित किया है। प्रकरण में शामिल आनंदपुरी के नायब तहसीलदार अनिल ताबियार (तत्कालीन गिरदावर गढ़ी) को निलंबित करने के लिए राजस्व मंडल को पत्र लिखा है। कलेक्टर ने पत्र में लिखा है कि यह प्रकरण गंभीर प्रवृत्ति का है।
इधर, सेवानिवृत्त तहसीलदार केशरसिंह चौहान पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। सभी कर्मचारी-अधिकारियों ने खातेदारों के साथ मिलीभगत करके षडयंत्रपूर्वक सरकारी जमीन को लोगों के नाम (खातेदारी) की।