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March 15, 2025 11:10 am


चाचा-भतीजों की एक साथ निकली अर्थियां : 6 बेटियों से सिर से उठा पिता का साया, बारात में गए थे सभी

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

अलवर। जिले से आगरा (UP) जा रही बारात की स्कॉर्पियो कार पानी के गड्ढे में गिर गई। हादसे में दूल्हे के ननिहाल पक्ष के 4 लोगों की मौत हो गई। चारों आपस में चाचा-भतीजे थे। इनके अलावा एक युवक की भी जान गई है। बारात निकलने के ढाई घंटे बाद ही खुशियां मातम में बदल गई। मरने वालों में सरवन सिंह और गिरवर चाचा हैं। समय सिंह और देवेंद्र इनके भतीजे लगते है। सभी झारेड़ा गांव के रहने वाले थे। दूल्हे के गांव मूढपुरी से बारात के साथ आगरा जाने के लिए रवाना हुए थे। एंबुलेंस से शुक्रवार सुबह चारों के शव झारेड़ा गांव पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया गया। चार मृतकों में एक युवक सरवन उर्फ कान्हा है, जिसे घर पर सब कान्हा बुलाते हैं। एक महीने पहले ही भिवाड़ी में नौकरी करने लगा था। भिवाड़ी से दोस्त और भाइयों के लिए नई जींस लेकर आया था। बारात में जाते समय पत्नी ने ही सेंट लगाया था। जाते समय पत्नी को 50 रुपए देते हुए कहा था कि बाकी रुपए आकर दूंगा। अभी जल्दी है जाने दो। जाते समय तीनों बच्चों को भी हाय हैलो करते हुए निकला था। कान्हा के 5 बहनें हैं। सब शादीशुदा हैं। 5 बहनों के इकलौते भाई की मौत के बाद घर में कोहराम मचा है।

समय सिंह के 6 बेटियां हैं। दो की शादी हो चुकी है। 4 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। खुद खेती के अलावा कंपनी में काम करता था। एक बेटी पटवारी तो दूसरी IAS की तैयारी कर रही है। नियमित रूप से लाइब्रेरी जाकर तैयारी करती हैं। सभी बेटियां पढ़ाई में होशियार हैं। एक बेटा है, जो 12वीं बोर्ड का एग्जाम दे रहा है, जिसे परिवार के लोगों ने पिता की मौत पर भी नहीं बुलाया। झारेड़ा गांव के इन्हीं के परिवार से गिरवर सिंह की भी मौत हो गई, जिसके दो छोटे- छोटे बच्चे हैं। चार साल पहले पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। तब प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद अब पिता भी नहीं बचे। दोनों बच्चे अनाथ हो गए। अब उनका आसरा बच्चों का चाचा है। वह भी दिव्यांग हैं। इस कारण परिवार की रोजी रोटी पर संकट आ गया। मृतक युवक देवेंद्र के भाई ने बताया- कान्हा भिवाड़ी से आया था। कान्हा ने देवेंद्र से पहले ही फोन पर बात हो गई थी। तब दोनों ने तय कर लिया था कि बारात में जाना है। हालांकि बारात आगरा जानी थी इसलिए देवेंद्र को पत्नी और परिवार के अन्य लोगों ने काफी मना किया था। कान्हा और देवेंद्र का पहले से मन बन चुका था। अलवर आने पर देंवेद्र ही उसे लेने गया था। देवेंद्र की 4 साल पहले शादी हुई थी, जिसके कोई संतान नहीं है। वहीं कान्हा के तीन बच्चे हैं। वहीं पांचवें मृतक बंटूदास है, जो असम का रहने वाला है। इनके पास ही किराए पर रहता था।

Author: JITESH PRAJAPAT

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