भरतपुर। जमीन के विवाद को लेकर हमले में घायल एनएसजी कमांडो बबलेश कुमार (32) का बुधवार को सैन्य सम्मान के साथ पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके भारतीय थल सेना के अधिकारियों और जवानों की भी मौजूदगी रही। बता दें कि पिछले साल 23 अक्टूबर को गांव के लोगों ने कमांडो पर जमीन के विवाद में अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी और उन पर कुल्हाड़ी से भी वार किए थे। इसके बाद से ही उनका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। सोमवार की रात उन्होंने दिल्ली में आर्मी के आरआर हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। दिल्ली से शव को भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल लाया गया, जहां मंगलवार को पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया की गई। इस बीच परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तार नहीं होने तक शव लेने से इनकार कर दिया था। आखिरकार आज सुबह प्रशासनिक अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद परिजनों ने कमांडो का शव लिया और सेवर थाना क्षेत्र के गढ़ी जालिम गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
NSG कमांडो बबलेश कुमार गढ़ी जालिम गांव के रहने वाले थे। उनके भांजे सीताराम ने बताया- 2 साल पहले बबलेश कुमार 4 बीघा जमीन खरीदी थी। जमीन की बाउंड्री को लेकर गांव के लक्खो, राजवीर, सुबड से परिवार के लोगों का विवाद हो गया। अक्टूबर में बबलेश कुमार 15 दिन की छुट्टियों पर जम्मू कश्मीर से घर आये हुए थे। 23 अक्टूबर को सुबह के समय बबलेश अपनी जमीन की तरफ जा रहे थे। इस दौरान लक्खो, राजवीर, सुबड ने अपने परिजनों के साथ मिलकर बबलेश पर हमला कर दिया। सभी लोगों ने बबलेश पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। घटना का पता लगने के बाद जब बबलेश का बड़ा भाई बंशराम उसे बचाने आया तो, आरोपियों ने उस पर भी फायरिंग कर दी। घटना में बबलेश के शरीर पर कई छर्रे और पैर में 3 गोलियां लगी। परिजनों का आरोप है कि गांव के लक्खो, राजवीर, सुबड और उसके परिजनों ने बबलेश के पैर पर कुल्हाड़ी से भी वार किया।
घटना के बाद बबलेश को तुरंत भरतपुर के आरबीएम अस्पताल लाया गया। जहां से उसे जयपुर के SMS अस्पताल रेफर कर दिया गया। बबलेश के पैर में इन्फेक्शन फैलने के कारण SMS अस्पताल में डॉक्टरों को उसका सीधा पैर काटना पड़ा। जिसके बाद बबलेश के परिजनों ने घटना की सूचना आर्मी ऑफिस में दी। बबलेश को दिल्ली के RR हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। बबलेश के परिजनों ने लक्खो, राजवीर, सुबड और उसके परिजनों के खिलाफ सेवर थाने मामला दर्ज करवाया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले की जांच करते हुए लक्खो और राजवीर के नाम FIR से निकाल दिए। राजवीर RAC में कॉन्स्टेबल है। 17 मार्च को अचानक तबीयत ख़राब होने के कारण बबलेश कुमार की मौत हो गई। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कल परिवार के लोगों ने शव को लेने से इनकार कर दिया था। बाद में पुलिस के अधिकारियों से बात हुई। उन्होंने मामले की दोबारा जांच करने और आरोपियों की गिरफ़्तारी का आश्वासन दिया। जिसके बाद आज सुबह 10 बजे उनके शव को ले लिया गया। गांव में ही उन्हें अंतिम विदाई दी गई।