जयपुर। पुलिस ने निजी बसों से अवैध वसूली करने वाली गैंग का स्टिंग ऑपरेशन किया। पुलिस ने खुलासा किया गैंग हर बस से 100 रुपए तक ले रही थी। पैसा नहीं देने पर गैंग के लोग जान से मारने की धमकी देते थे। पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि ये गैंग 15 साल से चल रहा था। हर महीने 10 लाख रुपए तक वसूल लेती थी। डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया- चौमूं पुलिया पर प्राइवेट बसों से अवैध वसूली से संबंधित एक गोपनीय सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम को गैजेट्स देकर जांच कराई गई। 28 और 29 मार्च को टीम ने चौमूं पुलिया और उसके आसपास रेकी की। पुलिस टीम ने स्पाई गैजेट्स की मदद से गिरोह के बदमाशों की रिकार्डिंग की।
इस दौरान पता चला कि गिरोह के सदस्य चौमूं पुलिया पर रुकने वाली प्राइवेट बसों से 50-100 रुपए वसूलते हैं। पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। पैसे नहीं देने पर चौमूं पुलिया से आगे सामोद के रास्ते में बस पर हमला कर देते हैं। माफियाओं की दहशत होने के कारण केस दर्ज कराने से डरते हैं। यह गिरोह संगठित तौर पर कई सालों से काम कर रहा है। सभी प्राइवेट बस ड्राइवर और क्लीनर इनसे घबराए हुए हैं।
जांच में पुष्टि होने पर वसूली करने वाली गैंग में शामिल लोगाें को अलग-अलग जगहों से पकड़ा। इनके पास से वसूली का पैसा भी मिला है। ये लोग पिछले 15 साल से बस ड्राइवर और क्लीनर से रूट पर बस चालने के जबरन रुपए वसूल कर रहे थे। अगर कोई बस ड्राइवर पैसा नहीं देता था। उसे जान से मारने की धमकी दी जाती थी। बस में तोड़फोड़ की जाती थी। पुलिस ने भगवान सिंह (37) निवासी गांव चांडी मकराना,डीडवाना कुचामन, जो वर्तमान में करधनी में निवारू रोड स्थित हनुमान नगर में रह रहा था। श्याम वीर सिंह निवासी प्रीतमपुरी नीमकाथाना सीकर,विक्रम सैन उर्फ विक्की उर्फ बोगी (40) निवासी हनुमान नाई की दुकान के पीछे, दर्जियों का मोहल्ला नीदड़ हरमाड़ा और दिलीप सिंह (54) निवासी गांव जुराठढा रानोली,सीकर, जो वर्तमान निवासी जोडला पावर हाउस के पीछे कृष्णा कॉलोनी हरमाड़ा को पकड़ा है।