अजमेर। जिला प्रशासन व नगर निगम ने 80 वार्डों के प्रस्तावित परिसीमन की रिपोर्ट जारी कर दी। रिपोर्ट में केवल हाथीखेड़ा व बोराज-काजीपुरा पंचायत के राजस्व गांवों को शामिल करके सीमा बढ़ाई गई है। राज्यपाल के आदेशों पर 25 मार्च को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इन्द्रजीत सिंह ने राजस्व ग्राम हाथीखेड़ा, बोराज-काजीपुरा, माकड़वाली और लोहागल के संपूर्ण क्षेत्र की सीमा को नगर निगम में शामिल करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन सोमवार रात को जारी किए गए आदेशों में केवल हाथीखेड़ा व बोराज-काजीपुरा को ही शामिल किया गया है। ये ग्राम पंचायत हाथीखेड़ा के राजस्व गांव अब वार्ड 5 व 6 का हिस्सा होंगे। इसे लेकर सोमवार को परिसीमन पर रिपोर्ट जारी करने के साथ ही आपत्ति मांगी गई है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि नगर निगम की नई बिल्डिंग माकड़वाली के लोहागल राजस्व का भाग रहेगी। केवल बिल्डिंग वाले क्षेत्र को शामिल किया गया है, शेष भाग को छुआ तक नहीं है।
सूची के बाद पार्षदों ने जानकारी ली तो पता चला कि विरोध के बाद माकड़वाली को बाहर कर दिया गया। जब माकड़वाली को बाहर किया गया है तो केवल लोहागल राजस्व गांव वाले क्षेत्र जहां निगम की नई बिल्डिंग बन रही है उसे कैसे निगम की सीमा में शामिल कर रहे हैं। कलेक्टर लोकबंधु ने 19 फरवरी व 18 मार्च की पालना में निगम के वार्डों का परिसीमांकन नगर निगम द्वारा गठित कमेटी द्वारा प्रस्ताव तैयार कर आमजन के लिए निगम कार्यालय में चस्पा करवाया गया है। कलेक्टर ने इसे लेकर आमजन से आपत्ति मांगी है। नियमों के तहत 28 मार्च को सूची चस्पा होनी थी, लेकिन 1 अप्रैल को जारी की गई।
17 अप्रैल तक आमजन आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे। निगम आयुक्त की ओर से जारी आदेशों में निदेशक व शासन सचिव के आदेशों का हवाला दिया। 27 मार्च को राजस्व गांव हाथीखेड़ा, बोराज व काजीपुरा को निगम की सीमा में शामिल किए जाने के बाद 80 वार्डों का पुनर्गठन कर मानचित्र तैयार करने का हवाला दिया गया। नगर निगम की सीमा में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में अब 39 वार्ड हो गए हैं। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से एक वार्ड कम होने से अब 41 वार्ड रह गए हैं। हाथीखेड़ा गांव रावत बाहुल्य है। ऐसे में यहां भाजपा का वोट बैंक बढ़ेगा। कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले अजयनगर, खानपुरा, पहाड़गंज का क्षेत्र, ट्रांबे स्टेशन को तोड़कर भाजपा के वार्ड में शामिल किया गया है। जानकारों का कहना है कि 2016 में निगम के 60 वार्ड किए गए थे। उस समय जो परिसीमन किया गया था। वही रिपोर्ट फिर से पेश हो गई। जो पुराने वार्ड थे। 10 साल बाद वापस वही वार्ड हो गए।