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April 20, 2025 10:01 am


महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई : फुले दंपती को भारत रत्न देने की उठी मांग, सामाजिक न्याय का बताया प्रणेता

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Pankaj Garg

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चित्तौड़गढ़सावित्री बाई फुले विकास सेवा संस्थान की ओर से शुक्रवार को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई। इस दौरान फुले दंपती को भारत रत्न देने की मांग उठी। सभी ने उन्हें सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा स्रोत बताया। कार्यक्रम में विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने महात्मा फुले की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने केंद्र सरकार से शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में योगदान देने वाले फुले दंपती महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के लिए मांग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि फुले दंपती का काम आज भी सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के क्षेत्र में हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं।

प्रदेश महामंत्री राजन माली ने भी फुले दंपती को भारत रत्न देने की मांग दोहराई और कहा कि ऐसे महापुरुषों को राष्ट्र सर्वोच्च सम्मान मिलना चाहिए, जिससे उनके विचार, काम और अधिक व्यापकता से समाज तक पहुंच सकें। संस्थान के महामंत्री कन्हैयालाल मावर ने कहा कि महात्मा फुले एक दूरदर्शी समाज सुधारक थे। उन्होंने न केवल महिलाओं के लिए स्कूल खोले, बल्कि पिछड़े और वंचित वर्गों को भी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों और जाति प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई और एक समतामूलक समाज की स्थापना का सपना देखा।

प्रोग्राम में अध्यक्ष हेमराज करोड़ीवाल, उपाध्यक्ष शिवप्रकाश माली, सावित्री बाई फुले विकास सेवा संस्थान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नंदलाल दगदी, कीर खेड़ा, महामंत्री कन्हैया लाल दगदी, रतन दगदी, पूर्व सभापति सुशील शर्मा, पूर्व उप सभापति भरत जागेटिया, पूर्व महामंत्री ओम शर्मा सहित कई लोग शामिल हुए। वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा फुले के विचार आज के सामाजिक परिदृश्य में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने जो सिद्धांत समाज में समानता, शिक्षा और आत्मसम्मान को लेकर दिए, वे नई पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं। प्रोग्राम का उद्देश्य समाज में समरसता को बढ़ावा देना और युवाओं को महापुरुषों की विचारधारा से जोड़ना था। वक्ताओं ने फुले दंपती के पदचिन्हों पर चलने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि उनका जीवन आज भी समाज और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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