नागौर। जिले में बाल श्रम के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन उमंग’ के तहत पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 नाबालिग बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया है। यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (SIUCAW) नूर मोहम्मद के निर्देश पर की गई। इस संयुक्त कार्यवाही का नेतृत्व एएसआई रतन देवी (प्रभारी, AHTU नागौर) ने किया। उनके साथ कांस्टेबल इंद्रजीत, महिला कांस्टेबल सुशीला, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नागौर से नरपत राम फिड़ोदा और एनजीओ कार्यकर्त्ता ममता वैष्णव ने सक्रिय भूमिका निभाई। पुलिस थाना मेड़ता सिटी की टीम भी इस कार्रवाई में शामिल रही। टीम ने होटल पर काम कर रहे 2 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया।
पुलिस ने दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति (CWC) नागौर के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां उनके पुनर्वास, शिक्षा और देखभाल से संबंधित आवश्यक निर्णय लिए गए। बच्चों के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। जिन होटलों पर ये बच्चे कार्यरत थे, उन होटल मालिक के विरुद्ध बाल श्रम निषेध व विनियमन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस थाना मेड़ता सिटी में प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। अन्य संभावित बच्चों की तलाश भी जारी है। गौरतलब है कि ऑपरेशन उमंग अभियान के तहत जिलेभर में संवेदनशील स्थानों, फैक्ट्रियों, ढाबों, होटलों और वर्कशॉप्स आदि पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने बताया कि, बच्चों का शोषण एक गंभीर अपराध है। समाज को जागरूक करने के साथ-साथ नियोजकों पर कानूनी कार्रवाई करके ही बाल श्रम पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। हमारा उद्देश्य सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि पुनर्वास भी है। बाल श्रमिकों को तुरंत मुक्त करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।