बिजौलिया, बलवंत जैन। बिजौलिया उपखंड क्षेत्र के राणाजी का गुड्डा गांव में शुक्रवार दोपहर दर्दनाक हादसे में 38 वर्षीय युवराज भाट की बबूल के पेड़ में दौड़ रहे हाईटेंशन करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। हादसे के बाद परिजनों ने संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही एवं उचित मुआवजे की मांग को लेकर शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था। विरोध स्वरूप युवक का शव उपजिला चिकित्सालय के मुर्दाघर में करीब सुबह 10 बजे तक पड़ा रहा। युवक के परिजन सहित सैकड़ों ग्रामीण चिकित्सालय परिसर में धरने पर बैठ गए। इस दौरान देर रात तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के चिकित्सालय नहीं पहुंचने से परिजन आक्रोशित हो उठे।
देर रात करीब 9:00 बजे पूर्व जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाडा ने चिकित्सालय पहुंचकर युवक के परिजनों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया। दोपहर की घटना के बाद देर रात स्थिति का जायजा लेने पहुंचे तहसीलदार ललित डीडवानिया से पूर्व जिला प्रमुख की तीखी नोंक जोंक भी हुई। पूर्व जिला प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से प्रशासन की लेट लतीफा शाही पर प्रश्न उठाया।
परिजन एवं ग्रामीण मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और बिजली विभाग के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। इस बीच पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया।
विधायक पहुंचे मौके पर, राहत राशि की घोषणाएं
शनिवार सुबह करीब 10 बजे मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल धरना स्थल पर पहुंचे और परिजनों से वार्ता की। तहसीलदार ललित डिडवानिया ने बताया कि मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मृतक की पत्नी को आंगनवाड़ी में नोकरी दी जाएगी। विद्युत विभाग के एईएन ललित मेवाड़ा ने बताया कि विभाग की और से भी नियमानुसार 5 लाख रुपये की राहत देने के हर संभव प्रयास किये जाएंगे।
पूर्व जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाड़ा ने दोनों बच्चों के नाम 50-50 हजार रुपये की बैंक में एफडी कराने और पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय ने 50 हजार रुपये देने के साथ ही, बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए कुल 2 लाख रुपए की मदद का और पढ़ाई का खर्चा उठाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने को राजी हुए और धरना समाप्त किया। डॉक्टर अंसार खान ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द किया गया है।
विद्युत विभाग की लापरवाही से गई जान
मृतक के भाई रामरतन भाट ने बताया कि शुक्रवार को युवराज गांव के चौराहे पर बबूल के पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर बैठा था। इसी दौरान पेड़ की टहनी से लिपटा हाईटेंशन तार टूटकर युवराज के ऊपर गिरा और वह करंट की चपेट में आ गया। बताया गया कि यह तार असुरक्षित रूप से पेड़ की टहनी से बांध रखा गया था।
गौरतलब है कि दो दिन पहले भी इसी पेड़ पर एक बंदर की करंट लगने से मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पहले ही बिजली विभाग को दी थी, यहां तक कि 7 जुलाई को प्रशासनिक शिविर में भी इस संबंध में लिखित रिपोर्ट दी गई थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब यह हादसा हो गया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
थाना प्रभारी लोकपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि मृतक के भाई रामरतन की रिपोर्ट के आधार पर बिजली विभाग के सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर और सर्कल लाइनमैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
Author: AKSHAY OJHA
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