रूडिप और एलऐंडटी के मापदंड अनुसार बडा धोटाला हुआ है
सिरोही (जेसाराम माली );- मेरा नाम बलबीर मरडिया है , 2000 में चौबीस साल पहले बीकानेर से संयुक्त निदेशक के पद से सेवा निवृत हुआ था। तेरासी साल का वरिष्ठ नागरिक हूँ। सिरोही का निवासी हूँ। आज से लगभग पैंतालीस साल पहले सिरोही की दोनों हायर सेकेंडरी स्कूलों का प्रिंसिपल था। अधिकांश समय USA में पुत्र के साथ या हैदराबाद में पुत्री के साथ रहता हूँ। सितंबर अक्टूबर का समय सिरोही में मोची वाडा में मरडिया लेन में रहता हूँ मेरी समझ से तो और मुझे शंका है कि निर्माण सामग्री में बहुत बड़ा घपला हुआ है जिसका अमाउंट लाखों में हो सकता है। रूडिप और एलएंडटी के मानदंड अनुसार पाइप लाइन बिछाकर उसके ऊपर 1 से डेढ़ इंच की DLC यानी ड्राई लीन कांक्रीट की जानी होती है जो जो कम सीमेंट और अधिक कांक्रीट की एक परत होती है जिसे बिछा कर रोल किया जाना होता है इसके बाद यानी रोलिंग के बाद चार इंच की PQC,यानी पेवमेंट क्वालिटी कांक्रीट किया जाना होता है।जिसके पर्याप्त सीमेंट होता है। इस प्रकार पूर्व सड़क से लगभग साढ़े चार से पाँच इंच की ऊँचाई बड़ जानी चाहिए। यह कार्य मोची वाडा में मेरे मकान के आगे और मरडिया लेन सिरोही में हुआ है जिसके कारण जो सीढ़ियाँ 5 पाँच छः इंच बाहर थी वो या तो रोड के लेवल तक आ गई है या मात्र एक इंच ऊपर रही है यह सब इसलिए हुआ कि इस विषय में मैं लगातार रुडीप के अधिकारियों के संपर्क में था और वे सतर्क थे। इसे मौके पर सत्यापित किया जा सकता है अब कृपया साथ में लगी फ़ोटो को देखें यह फ़ोटो पैलेस रोड से कोऑपरेटिव स्टोर की तरफ़ जाने वाली सड़क की है। इसे इक्कतीस मई को प्रथम लेयर DLC चढ़ाई गई थी पीछे की फ़ोटो से कार्यरत मशीन लगी से हैं कन्फर्म हो सकता है उसके बाद उसी समय कथित चार इंच की PQC बिछाई जानी थी जो मात्र आधा या एक इंच की बिछाई गई क्योंकि,पूर्व और बाद की सड़क में एक आध इंच का भी फ़र्क़ नहीं आया। इसे इस फोटो और वर्तमान स्तिथि में विशेष कर सड़क पर लगी सीढ़ियों में पहले और बाद की ऊँचाई में तुलना कर आज भी इस बात को मौके पर जाकर कन्फर्म किया जा सकता है यानी इस छोटी सी सड़क पर ही तीन इंच मोटाई के लिए काम में लाया जाने वाली निर्माण सामग्री या तो बचा ली गई या ठेकेदार ने हज़म कर ली , और सिरोही की जनता को घटिया रोज़ टूटने वाली सड़के मिल गई। मेरा मानना है कि ये बात पूरे सिरोही के लिए लागू हो सकती है जानकारी की जानी चाहिए यहप्रकरण गंभीर जाँच का विषय है।
इसके अतिरिक्त सीवर लाइन व पानी की लाइन बिछाने के बाद जो जॉइंट्स लगाये है , उनमे न ऐडहेसिव लगाये है , न सीमेंट जॉइंट लगाये है। प्रमाण के रूप में वीडियो अलग से भेज रहा हूँ। हैदराबाद में हूँ, इस लिये यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकूँगा। पर अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में आमंत्रित करें, तो पक्ष रखने उपस्थित हो सकता हूँ।