जिला शिक्षा अधिकारी के आदेशों को नहीं मानते संस्था प्रधान ,एक साल में भी नहीं कराया जॉइन
जिला शिक्षा अधिकारी के आदेशों की अवहेलना का एक बड़ा मामला सामने आया है । जहां जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से पिछले साल 8 दिसंबर 2023 को एक अध्यापिका को नियुक्ति देने के बाद आज तक संबंधित संस्था प्रधान ने कार्य ग्रहण नहीं कराया । मामला गीता रानी अध्यापिका से जुड़ा है । इनको पिछले साल दिसंबर 2023 में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा अलवर की ओर से प्रथम लेवल अध्यापिका के पद पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठेकड़ा बास में नियुक्ति प्रदान की गई थी उनके पीईईओ ठेकड़ा लगते हैं । उन्होंने आज तक इन्हें कार्य ग्रहण नहीं कराया। बताया जाता है कि दस्तावेज सत्यापन के नाम पर इनकी जॉइनिंग रोकी गई है जबकि जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सारे दस्तावेज परीक्षण करने के बाद ही इन्हें नियुक्ति प्रदान की गई थी । संस्था प्रधान को केवल कार्यग्रहण कराना था लेकिन नहीं कराया गया। इतना ही नहीं यह भी उल्लेखनीय है की गीता रानी इसी विभाग में वर्ष 2008 से ट्रेनी अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं इससे यह भी साफ है कि 15 सालों के दौरान विभाग में कार्य करते हुए उनके सभी दस्तावेज विभाग के पास थे लेकिन फिर भी इनको कार्य ग्रहण नहीं कराया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। सबसे हैरानी की बात यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से भी अभी तक इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया जिससे की अध्यापिका की राजकीय सेवा में एक साल का गैप आ गया । वरना अब तक अध्यापिका का एक वर्ष का परीवीक्षा काल भी पूरा हो जाता। देखना होगा कि इस मामले में उच्च अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं क्योंकि मामला प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचने की सूचना है । अध्यापिका के साथ इस तरह के व्यवहार पर कई कर्मचारी संगठनों ने आपत्ति जताई। एक कर्मचारी नेता ने कहा कि महिला की नियुक्ति विधवा कोटे में हुई है । अधिकारियों को इस और ध्यान देना चाहिए। शीघ्र ही यह मामला निदेशक शिक्षा विभाग और जिला कलक्टर के संज्ञान में लाकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को भी तत्काल गीता रानी को कार्यग्रहण कराने के आदेश जारी करने चाहिए।
Author: AKSHAY OJHA
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