अजमेर। रूपनगढ में हुई फायरिंग व हत्या एवं आगजनी की घटना के सम्बन्ध में प्रार्थी जीवण खां निवासी रूपनगढ द्वारा लिखित रिपोर्ट दी कि प्रार्थी के भाई व अन्य लोगों की जैन छात्रावास रूपनगढ के पास स्थित दूकानों की कब्जाशुदा जमीन है, जिस पर दिनांक 22.09.2024 को प्रार्थी व अन्य लोग साफ सफाई व निर्माण कार्य के लिए जेसीबी चलवा रहे थे। उसी समय नारू उर्फ नाहरसिंह निवासी झोल की ढाणी द्वारा उक्त जमीन पर बी.आर.सी. ग्रुप का कब्जा होना बताने पर दोनों पक्षों में कहासूनी हो गई। जिस पर कुछ समय बाद द्वितीय पक्ष बी.आर.सी. ग्रुप के 25-30 लोग उक्त दूकानों की जमीन पर कब्जा करने हेतु वाहनों (स्कार्पियों, बोलेरो, केम्पर, वरना कार, ट्रेक्टर, जे.सी.बी. आदि) में हथियारों से लैस होकर आये। जिनके द्वारा प्रथम पक्ष पर जानलेवा हमला कर वाहनों में आगजनी कर दी तथा जानलेवा हमला कर फायरिंग की गई। फायरिंग में गोली लगने से शकील निवासी भीलवाड़ा की मृत्यु हो गयी तथा नारायण कुमावत गम्भीर रूप से घायल हो गया। उक्त घटना से कस्बा रूपनगढ में दहशत का माहौल हो गया। इस सम्बन्ध में पुलिस थाना रूपनगढ पर प्रकरण संख्या 178/24 धारा धारा- 103 (1), 109(1), 115(2), 126(2). 111(2) (क), 190, 191(2), 191(3), 308(4), 326 (च), 61(2) (क), बीएनएस 2023 व 3/25 आर्म्स एक्ट दर्ज किया गया।

उक्त प्रकरण में घटना की गंभीरता को देखते हुये ओमप्रकाश, पुलिस उप महानिरीक्षक अजमेर रेंज अजमेर के आदेशानुसार मन् पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के द्वारा डॉ० दीपक कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजमेर ग्रामीण के नेतृत्व में एवं सत्यनारायण यादव, वृताधिकारी वृत किशनगढ ग्रामीण के सुपरवीजन में विशेष टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा प्रकरण की गम्भीरता एवं घटना को उजागर करने की चुनौती स्वीकार करते हुये घटना में शामिल आरोपीगणों को तकनीकी साक्ष्य एवं मुखबिरी के जरिये चिन्हित किया गया तथा मुल्जिमानों के छिपने के हर संभव स्थानों पर दबिश दी जाकर निम्नांकित मुल्जिमानों को घटना में लिप्त पाये जाने पर बाद अनुसंधान गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान जारी है।