जोधपुर। जिले में महिला डॉ. को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 6 लाख की ठगी करने के मामले चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ठगों ने डिजिटली अरेस्ट करने से पहले पीडीएफ भेज कर डॉक्टर को इसके नियम और कानून समझाए थे। उनसे डिजिटल कस्टडी शुरू करने की एप्लीकेशन भी लिखवाई थी। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के लिए वीडियो कॉल पर नजरबन्द कर लिया। उनसे कहा रेस्ट भी करना है तो हमारे सामने करो। महिला डॉ. को इसके लिए नरेश गोयल केस की मनी लॉन्ड्रिंग का हवाला दिया गया था।
वहीं 25 सितंबर को पुलिस की गिरफ्त में ठगों को अपना अकाउंट किराए पर देने वाले चाचा-भतीजा से पूछताछ जारी है। इसमें सामने आया कि ठगों ने 2 घंटे में 6 लाख रुपए 3 राज्यों में ट्रांसफर कर दिए। इसके लिए अकाउंट किराए पर देने वाले चाचा-भतीजे को महीने का डेढ़ से 2 लाख रुपए देने का झांसा भी दिया गया।
किराए पर खाता देने वाले चाचा-भतीजा
थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया- 20 सितंबर को महिला डॉ. नम्रता माथुर से 6 लाख की ठगी करने वालों को जोधपुर के गुडा विश्नोईयान से गिरफ्तार किए गए कालूराम पुत्र हरिराम विश्नोई (31) और प्रवीण पुत्र सांवरलाल विश्नोई (22) को 25 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। कालू और प्रवीण रिश्ते में चाचा-भतीजा है। ये ठगों को खाते किराए पर देते हैं।
पूछताछ में बताया- उनसे खातों को किराए पर लेने वाले ठगों को वह नहीं जानते। उन लोगों से इन दोनों की फोन पर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म से ही बात होती थी। कालू 10वीं पास है और प्रवीण 12वीं पास है। ठगों ने जब उनके खातों को किराए पर लिया और उसके बदले पैसे मिलने का लालच दिया तो यह दोनों भी तैयार हो गए।
सबसे पहले कालूराम के खाते में 6 लाख ट्रांसफर हुए। इसके बाद इन रुपयों को गुजरात के एक खाते में ट्रांसफर किया गया। तीसरी बार केरल के 2 खातों, नावां नागौर के 2 और एक जोधपुर के खाते में रुपया ट्रांसफर हुआ है। यह रुपए महज 2 घंटे में इधर-उधर किए गए। साइबर की ठगी करने वाले बदमाशों ने खाते किराए पर लेने की एवज में 2 लाख रुपए मंथली देने का लालच देते थे। कालू को भी पैसे ठगों ने इसी लालच में खाता किराए पर देने का झांसा दिया था। उसका भतीजा प्रवीण इन ठगों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के खाते किराए पर उपलब्ध करवाने का काम करता है।
नरेश गोयल केस में नाम आने का झांसा दिया पुलिस के अनुसार, महिला डॉक्टर नम्रता माथुर को अस्पताल में ही कॉल आया था। सामने वाला व्यक्ति वर्दी पहने हुए था, और खुद को पुलिस अधिकारी विजय खन्ना बताया। उन्हें तुरंत अस्पताल से घर जाने को कहा। घर पहुंचने पर खुद को अधिकारी बताने वाले ने नरेश गोयल मनी लॉन्डरिंग की एक पीडीएफ भेजी। इसमें बताया था कि इस केस में कुल 247 ATM कार्ड बरामद हुए हैं। ये अलग-अलग होल्डर के नाम से हैं, इसी में से एक कार्ड डॉ. नम्रता का भी है।
डिजिटल अरेस्ट के नियमों की पीडीएफ भेजी
मामले में, ठगों ने डॉ. नम्रता को एक पीडीएफ भेजी, इसमें सर्विलांस रूल्स एंड रेगुलेशन के बारे में लिखा था। यह वो फर्जी दस्तावेज था जिसमें डिजिटल अरेस्ट करने के नियम और कानून लिखे थे। इसे देख कर डॉ. घबरा गई। ठगों ने उन्हें इसके बाद 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी।
ठगों ने डॉ. को डिजिटल कस्टडी का एक पीडीएफ भेजा। इसमें डॉ. से डिजिटल कस्टडी में शामिल होने की अप्रूवल मांगी। ठगों ने डॉ. से एक एप्लीकेशन लिखवाई। यह एप्लिकेशन किसी राहुल गुप्ता बैच नंबर एफए 262521 को संबोधित करते हुए लिखने को कही। सिंकिंग प्रायोरिटी इन्वेस्टिगेशन एप्लीकेशन (प्राथमिक जांच) लिखवाई।
बोले- रेस्ट हमारे सामने ही कर लो
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने इसी डॉक्युमेंट के आधार उन्हें वीडियो कॉल ऑन रखने को कहा और जो भी करेंगीं उनके सामने ही करेंगीं। डॉ. नम्रता की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया कि ठगों ने 24 घंटे के दौरान उन्हें वीडियो कॉल ऑन करके ही रेस्ट करने को बोला। किसी से फोन पर बात करने के दौरान भी वीडियो कॉल ऑन रखने की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट का सीक्रेट सुपरविजन खाता
पुलिस के अनुसार, इसी दौरान बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट के एक गोपनीय खाते को उनके कैनरा बैंक के खाते से अटैच करने को कहा। उन्होंने डॉक्टर से कहा कि इसी खाते से आपके मनी लॉन्डरिंग में शामिल होने या नहीं होने की जांच की जाएगी। तुरंत इस पर 6 लाख भेज दीजिए। डॉ. नम्रता ने उनके कहे अनुसार 6 लाख ट्रांसफर कर दिया। डॉ. नम्रता के अनुसार, यह खाता न्यू समा रोडवेज के नाम पर था।
ठगों के इसके बाद डॉ. से किसी अन्य खाते के बारे में पूछा जिसमें रुपए हो। इसके बाद कहा वह रुपए भी इनको सुप्रीम कोर्ट के सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में ट्रांसफर करने होंगे। इसके बाद डॉ. को एहसास हुआ कि उनके साथ साइबर ठगी की जा रही है।