उदयपुर। जिले की गोगुंदा तहसील में लेपर्ड अब तब वन विभाग के जाल में नहीं फंसा है। टीम जंगल में अलर्ट है लेकिन लेपर्ड नजर नहीं आ रहा। वहीं गोगुंदा से करीब 45 किमी दूर लेपर्ड का मूवमेंट हो रहा है। हालांकि ये लेपर्ड आदमखोर ही है, ये कहना मुश्किल है। लेपर्ड ने मंगलवार रात सायरा थाना क्षेत्र के पदराड़ा गांव में पूर्व सरपंच हरिसिंह राणावत के घर के परिसर में बंधे दो बछड़ों का शिकार किया। आज सुबह जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए और वन विभाग को सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 दिन से पदराड़ा गांव के आस-पास लेपर्ड का मूवमेंट बढ़ा है। इससे पहले लेपर्ड एक गाय का शिकार कर चुका है।
पदराडा के पेट्रोल पंप पर दिखा लेपर्ड
सुआवतो का गुड़ा गांव के बंशीलाल मेघवाल ने बताया- सोमवार रात करीब 11.30 बजे पदराडा के पेट्रोल पंप के पास लेपर्ड देखा था। मंगलवार दोपहर को सड़क किनारे एक गाय मृत मिली थी। उनका अंदेशा है कि लेपर्ड ने ही गाया को मार दिया है।
ऐसा पॉइंट नहीं मिला, जिससे लगे लेपर्ड निकला हो
वहीं गोगुंदा में लेपर्ड की तलाश के लिए वन विभाग की टीम बड़गांव पंचायत समिति के राठौड़ों का गुड़ा और पड़ोसी गांव गोगुंदा के केलवों का खेड़ा में तैनात है। टीम को लेपर्ड का मूवमेंट नजर नहीं आया है। जयपुर से आई इमरजेंसी रिस्पांस टीम (ईआरटी) के दल आज भी जंगल को खंगाल रहे है। ऐसा कोई भी प्वाइंट नहीं मिला जिससे लेपर्ड के इसी क्षेत्र में होने या यहां से निकल जाने की पुष्टि हो सकें। दल में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एडिशनल पीसीसीएफ) वाइल्ड लाइफ राजेश गुप्ता, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क के डीएफओ मानस सिंह ने स्थानीय अधिकारियों और ग्रामीणों से जो फीडबैक लिया,उसके आधार पर लेपर्ड की खोज के लिए तमाम प्रयास किए लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है।