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June 1, 2025 1:02 pm


पाकिस्तानी फंडिंग का आरोप लगाकर डॉक्टर से 9 लाख लिए : कॉल कर धमकाया- दिल्ली एयरपोर्ट पर आपका पार्सल पकड़ा, ड्रग्स और 3 पासपोर्ट मिले

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जोधपुर। जिले में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार एक सरकारी डॉक्टर को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा गया। साइबर ठगों ने कहा- आपके नाम का दिल्ली से थाईलैंड कोई पार्सल बुक है। पार्सल को दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है। इसमें एमडी ड्रग्स और 3 पाकिस्तान के पासपोर्ट के अलावा दूसरे आपत्तिजनक सामान हैं। पाकिस्तान से फंडिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नाम पर भी डराया। इसके बाद डॉक्टर से 9 लाख रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करवा लिए। डॉक्टर ने 8 अक्टूबर को सदर कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है। सदर कोतवाली थाने के एसआई पुखराज ने बताया- नागौरी गेट स्थित महावतों की मस्जिद के पास रहने वाले डॉ. मो. शाकिर गौरी (49) ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में लिखा है- वह बालेसर में मेडिकल ऑफिसर (जनरल फिजिशियन) हैं। उनके पास 6 अक्टूबर को दोपहर 2.57 बजे मोबाइल पर वॉयस कॉल आया। कॉल करने वाले ने किसी पार्सल के बारे में बताया। ज्यादा जानकारी के लिए 1 दबाने के लिए कहा। 1 दबाने पर एक व्यक्ति ने अपना नाम अमित शर्मा बताया।

उसने किसी पार्सल को उनके नाम से बुक होने की बात कही। उन्होंने ऐसा कोई पार्सल बुक नहीं होने का बोला। इस पर कॉलर ने कहा- आपके नाम से दिल्ली से थाईलैंड कोई पार्सल बुक है और यह दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है। पार्सल में 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 4.2 किलो कपड़े, 1 लैपटॉप और 1.4 ग्राम एमडी ड्रग्स है। डॉक्टर के वापस मना करने पर कॉलर ने कॉल को ट्रांसफर कर दिया।

ठग ने खुद को बताया एसआई

दूसरे कॉलर ने खुद को सब इंस्पेक्टर बताकर अपना नाम अनिल कुमार बताया। ठगों ने डॉक्टर को कहा-आपको दो घंटे में दिल्ली क्राइम ब्रांच पहुंचना होगा। इस केस में हम 18 दिनों से काम कर रहे हैं। इस पर डॉक्टर ने कहा- जोधपुर (राजस्थान) रहता हूं? कैसे आ सकता हूं? तो ठगों ने कहा कि ठीक है। हम आपको वॉट्सऐप कॉल करेंगे। आप किसी एकांत जगह चले जाएं और ऑफिसर आपसे वीडियो कॉल पर बात करेंगे। आप उनसे अपनी शिकायत बता देना।

पाकिस्तान फंडिंग के नाम पर डराया

ठगों ने वीडियो कॉल किया, जिसमें एक अन्य व्यक्ति ने खुद का नाम आईपीएस समाधान पंवार बताया। उसने कहा- आपके लोकल बैंक, लोकल नेताओं व पुलिस की मिलीभगत से यह खाता खोला गया है, जो ऑपरेट हो रहा है। इस खाते से पाकिस्तान से भी फंडिंग हुई है। इन 5 पासपोर्ट में 3 पाकिस्तान के हैं। जब डॉक्टर ने ऐसा सब कुछ होने से मना किया तो उन्होंने कहा कि यह मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का है।

हॉस्पिटल से छुट्‌टी कर घर जाने को बोले ठग

बदमाशों ने डॉक्टर से कहा- 24 घंटे के लिए कोऑपरेट करोगे तो आप इस मामले से बाहर आ जाओगे। इसके बाद ठगों ने डॉक्टर के बैंक खाते को 6 घंटे तक सिस्टम से ट्रैकिंग करने की बात कही। कहा कि इस बीच न मोबाइल बंद करोगे और न ही सर्विलांस पर लिए हुए कॉल का किसी से जिक्र करोगे। अगले दिन 7 अक्टूबर को डॉक्टर ड्यूटी पर चला गया। तब ठगों ने वॉट्सऐप कॉल कर कहा कि ड्यूटी पर जाने से पहले हमें पूछना था। उसके बाद उसे हॉस्पिटल से छुट्टी करवाकर घर पर जाने के लिए कहा। डॉक्टर घर आ गए। पूरे दिन डिजिटल अरेस्ट रख ठगों ने आरटीजीएस के जरिए एचडीएफसी बैंक के खाते में यह कहकर रुपए डलवाए कि 6 घंटे बाद यह रुपए वापस अपने आप खाते में आ जाएंगे। तब डॉक्टर ने 9 लाख 5 हजार रुपए खाते में डाल दिए। शाम 6 बजे नंबर कट हो गया था। वापस कॉल किया तो नो रिप्लाई आया था।

Author: JITESH PRAJAPAT

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