लखनऊ। यूपी में उपचुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा- अब बसपा कभी भी गठबंधन नहीं करेगी, क्योंकि गठबंधन से पार्टी को फायदा नहीं हुआ। दूसरी पार्टी अपना वोट बैंक ट्रांसफर नहीं करा पाती है। भाजपा-कांग्रेस से भी दूरी बरकरार रहेगी।
मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया X पर 3 पोस्ट किए। कहा- यूपी और दूसरे राज्यों में यह देखने को मिला है कि बसपा का वोट तो ट्रांसफर हो जाता है, जबकि दूसरी पार्टियों का वोट बसपा को नहीं मिलता है।
दूसरे दलों में इतनी क्षमता नहीं कि वह अपना वोट बैंक ट्रांसफर करा पाए। इससे चुनावी रिजल्ट अच्छा नहीं आता है और पार्टी कैडर निराश हो जाता है।
जातिवादी ताकतें बसपा को कमजोर करने की कोशिश कर रहीं
मायावती ने कहा- अभी हरियाणा चुनाव में अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिला। इसलिए, समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय लिया है। भाजपा या NDA, कांग्रेस या इंडी गठबंधन से भी पहले की तरह दूरी जारी रहेगी।
बसपा के आत्मसम्मान और स्वाभिमान को कमजोर करने की जातिवादी ताकतें लगातार कोशिश कर रही हैं। इसलिए जरूरी है कि अपने लिए योग्य और शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह जारी रखनी जरूरी है।
बसपा स्वार्थी नेताओं को अपने साथ नहीं जोड़ेगी
मायावती ने कहा- बसपा स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि बहुजन समाज को जोड़ने के लिए है। संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनने का आंदोलन है। इस मकसद के लिए इधर-उधर ध्यान भटकाना नुकसानदेह होगा।