झुंझुनूं (नवलगढ़)। दो पोतियों की शादी के 17 दिन पहले रिटायर्ड सूबेदार दादा ने अपने मकान, गाड़ी और खुद पर पेट्रोल डालने के बाद आग लगाकर सुसाइड कर लिया। आग की लपटों को देखकर पड़ोसी बचाने के लिए दौड़े। पुलिस और दमकल को भी फोन किया। रिटायर्ड सूबेदार को घर से निकालकर आग बुझाई, लेकिन तब तक वे बुरी तरह झुलस चुके थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां से हायर सेंटर कर दिया। लेकिन रास्ते में दम तोड़ दिया। मामला झुंझुनूं जिले में मुकुंदगढ़ थाना क्षेत्र के गांव कसेरू में बुधवार रात 10 का है। मुकुंदगढ़ SHO अभिलाषा ने बताया कि रिटायर्ड सूबेदार सुखदेवाराम (75) मकान में अकेले रह रहे थे। बुधवार रात को अचानक पहले मकान के अंदर, कार और खुद पेट्रोल डाला। इसके बाद मकान और कार को आग के हवाले करने के बाद खुद के आग लगा ली। आस पास के लोगों ने कार को जलते हुए देखा तो अफरा-तफरी माहौल गई। लोगों की सूचना पर हेड कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार के साथ मौके पर पहुंचे। एंबुलेंस की मदद से सुखदेवाराम को मुकुंदगढ़ में पहुंचाया गया। जहां देर रात हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सूचना के बाद रात करीब 10.45 बजे दमकल मौके पर पहुंची। जिसने आग पर काबू पाया। इससे पहले लोगो ने एक सिलेंडर को बाहर निकाल दिया था। ऐस में बड़ा हादसा टल गया। अगर सिलेंडर फट जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
पुलिस को कोई रिपोर्ट नहीं मिली
मुकुंदगढ़ SHO अभिलाषा ने बताया कि रिटायर्ड सूबेदार माइग्रेन और साइको के मरीज हैं। वे परिवार से अलग रहते हैं। रात को उन्होंने अपने मकान, कार और खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। गंभीर हालत में उन्हें सीकर रेफर किया गया है। फिलहाल मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है और जांच जारी है। दो बेटे सुरेंद्र और सुरेश हैं। दोनों बेटे परिवार के साथ बेंगलुरु रहते हैं।
दो साल से मकान में अकेले रह रहे थे
रिटायर्ड सुबेदार सुखदेवाराम के भतीजे कमलसिंह ने बताया कि सुबेदार दो साल से अकेले मकान में रह रहे थे। पहले उन्होंने कमरे में आग लगाई, फिर घर के अन्य सामान में और मुख्य गेट के सामने खड़ी ऑल्टो गाड़ी में भी आग लगा दी। इसके बाद, उन्होंने खुद को आग लगा ली। उनकी चीख सुनकर परिवार के लोग और पड़ोसी घर में पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। इसके बाद दमकल मौके पर पहुंची और आग बुझाई गई। सुखदेवाराम को पहले मुकुंदगढ़ के सीएचसी में ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में सीकर रेफर कर दिया गया, फिर सीकर से जयपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई।
40 साल पहले पत्नी का हो गया था निधन, बेटे बेंगलुरु में
बड़े भाई सांवलराम ने बताया कि सुखदेवाराम वर्ष 1990 में सेना से रिटायर हुए थे। उनकी पत्नी का निधन वर्ष 1985 में हो गया था, जिसके बाद से वे मानसिक रूप से परेशान रहने लगे। पहले वे 15 साल अकेले जयपुर में रहे, और पिछले दो-तीन साल से अकेले मकान में रह रहे थे। सुबेदार परिवार के किसी सदस्य से सही से बात नहीं करते थे और हमेशा झगड़ा करने को तैयार रहते थे, इसलिए उनके बेटे-बेटी और परिवार के अन्य लोग उनसे बात नहीं करते थे।
27 नवंबर को को दो पोतियों की शादी
मानसिक बीमारी के कारण वर्ष 1996 में उन्होंने अपनी गाड़ी में भी आग लगा दी थी। अकेलेपन के कारण वे अवसाद में चले गए। उनके बेटे सुरेंद्र की दो पोतियों की शादी 27 नवंबर को है, जिसके लिए सुरेंद्र और परिवार के लोग तैयारियों में लगे हुए हैं और इसी कारण सुरेंद्र बेंगलुरु से आया हुआ है।