श्रीगंगानगर। नहरों में आ रहे गंदे पानी के विरोध में शनिवार काे आधे दिन शहर बंद का असर नजर आने लगा है। जहर से मुक्ति आंदोलन के तहत हो रहे इस आयोजन में श्रीगंगानगर ही नहीं आसपास की दस मंडिया भी बंद में शामिल हैं। कई प्रमुख राजनीतिक दलों क समर्थन भी बंद को है। नहरों में आ रहे गंदे पानी से जिले के लोग पीड़ित हैं। इसके कारण कैंसर जैसी कई बीमारियां पनप रही हैं।
ये मंडियां रही बंद
इस दौरान श्रीगंगानगर में सुबह से बाजार बंद रहे। लालगढ़ में बंद का असर अपेक्षाकृत कम रहा। केसरीसिंहपुर, श्रीकरणपुर, पदमपुर सहित मंडियों में बंद का असर नजर आ रहा है। इस दौरान इन स्थानों की धान मंडियों में कृषि जिंसें खरीदने और बेचने का काम नहीं हो रहा वहीं दुकानदारों ने दुकानें बंद रखीं।
बाजार बंद करवाया
श्रीगंगानगर शहर और इन मंडियों में जहर से मुक्ति आंदोलन से जुड़े लोगों ने सुबह बाजार बंद करवाया। श्रीगंगानगर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अंकुर मगलानी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर निकले और लोगों से दोपहर तक बाजार बंद रखने का आह्वान किया।
शहर के गोल बाजार क्षेत्र में गांधी चौक पर दोपहर 12 बजे सभा होगी। इस दौरान जहर से मुक्ति आंदोलन सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग संबोधित करेंगे। सभा से पहले सभास्थल पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यहां जहर से मुक्ति आंदोलन के लोगों ने व्यवस्थाएं कर ली हैं।
कई जगह स्कूल बंद की घोषणा
जिले में ज्यादा नशा लेने से पिछले एक साल में सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कई जगह पर लोग स्वत: भी आंदोलन से जुड़ रहे हैं। आंदोलन के चलते श्रीकरणपुर, पदमपुर और गजसिंहपुर में शिक्षण संस्थानों में बंद रखने का फैसला किया गया है। बंद के दौरान रेल और बस सेवाएं व आवश्यक सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी।
कई संगठनों ने दिया समर्थन
बंद को शहर के कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। इनमें इनमें कांग्रेस, माकपा, इंटरनेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी सहित सामाजिक और व्यापारिक संगठन शामिल हैं। ट्रेडर्स एसोसिएशन, संयुक्त व्यापार मंडल, प्रगतिशील कुम्हार सभा, जिन मंडियों में बंद रहेगा, वहां के व्यापार मंडल, बिश्नोई महासभा, भीम आर्मी, सीटू सहित विभिन्न संगठनों ने भी बंद को समर्थन दिया है।
पंजाब में नहरों में मिल रहा कैमिकल
असल में पंजाब में लुधियाना के आसपास करीब 800 ऐसी फैक्ट्रियां हैं जिनका गंदा पानी और अपशिष्ट सीधे नहरों में बहाया जा रहा है। इन्हीं नहरों से श्रीगंगानगर सहित प्रदेश के करीब पंद्रह जिलों को पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में सिंचाई और पीने के पानी में गंदगी से लाेग परेशान हो रहे हैं। पंजाब सरकार का दावा है कि ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर इस पानी को आगे जाने दिया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि ये ट्रीटमेंट प्लांट अच्छे से काम नहीं कर रहे ।