जयपुर। एम. जी. डी. गर्ल्स स्कूल के ग्लोबल लीडरशिप प्रोग्राम के दूसरे दिन मंगलवार को मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने संवादात्मक वक्तव्य में विद्यार्थियों को शामिल करते हुए कहा कि सफलता को स्वयं की दृष्टि से परिभाषित करें। ऊंचाई तक पहुंचने के लिए चुनौतियों का सामना करके, हार को स्वीकार करके, मुश्किलों से लड़ते हुए फिर से खड़े होना आवश्यक है। हमें अपना माइंडसेट बदलना होगा। अनुशासन, कमिटमेंट, बार-बार गिरना लेकिन फिर खड़े होना, हार न मानना, इन्हीं से हम जीत की राह में अग्रसर होते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सबके अंदर शेर और खरगोश हैं, आप जिसे मजबूत बनाएंगे, वही जीतेगा खरगोश के जीतने पर आप परिस्थिति से भागने के बहाने ढूंढते हैं। हमें शेर को जिताना है ताकि हम मुश्किलों का मुकाबला कर सकें। निरंतरता ही अवचेतन मस्तिष्क को प्रशिक्षित कर सकती है। आपकी आदतें ही आपका भविष्य बनाती हैं। जिस प्रकार एक नदी रुकावटों के बावजूद रास्ता ढूंढ लेती है, हमें उसी की तरह बनना चाहिए। भविष्य में जो बनना चाहते हैं अपने आप की उस रूप में कल्पना कीजिए, उसे मन में रखते हुए हर दिन उस राह में आगे बढ़िए। प्रैक्टिस के अलावा बाकी समय में भी अपने आपको चैम्पियन मानकर चलिए। शब्दों की अपेक्षा कार्यों से उत्तर देना सीखें। ईश्वर हर सुबह आपको ऊर्जा से परिपूर्ण कर देते हैं, उसे इस्तेमाल कहां करना है यह आपके ऊपर है। सही स्थान पर ऊर्जा का इस्तेमाल आवश्यक है। अच्छी सोच, अच्छी संगत, प्रार्थना, हंसी आपको ऊर्जा देते हैं।
राठौड़ के संबोधन में जयपुर के अन्य विद्यालयों के विद्यार्थी भी उपस्थित थे। जेईसीआरसी की ओर से लिए गए सेशन में नेतृत्व कौशल को प्रभावी बनाने के लिए कई तरीक़े सिखाते हुए बताया गया कि एक अच्छा लीडर सभी समस्याओं की जड़ को पहचानते हुए, सभी को साथ लेकर समाधान ढूंढता है। शाम को हुए सत्र में छात्राओं ने खेलों के द्वारा मनोरंजन के साथ-साथ खेल-भावना विकसित की। विद्यार्थियों ने राजस्थान की लोककलाएं और लोक नृत्य सीखने में भी पूरा जोश दिखाया।