टोंक। जिले के समरावता गांव में विधानसभा उपचुनाव मतदान के दिन हुए पथराव-उपद्रव के मामले में 41 लोगों की जमानत याचिका जिला एवं सेशन न्यायालय ने शुक्रवार को ख़ारिज कर दी। अब इनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ेगी। लोक अभियोजक राजेश गुर्जर ने बताया कि 39 आरोपियों की जमानत लिए एक साथ अपील की गई थी, वहीं दो की अलग से जमानत के लिए गत दिनों याचिका दायर की थी। न्यायाधीश ने सभी 41 जनों की जमानत ख़ारिज कर दी है।
ज्ञात रहे कि 13 नवंबर को हुए विधानसभा उपचुनाव के मतदान का समरावता के ग्रामीणों ने बहिष्कार कर रखा था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी ग्रामीणों का समर्थन करते हुए धरने पर बैठ गया था। इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने जबरन वोट डलवाने का आरोप लगाते हुए सेक्टर प्रभारी (मालपुरा SDM) अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उसी रात को नरेश मीणा की गिरफ्तारी के दौरान लाठीचार्ज पथराव और आगजनी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में नरेश मीणा समेत 50 लोगों को गिरफ्तार किया था। फिर उन्हें कोर्ट के आदेश से जेल भेज दिया था। इस मामले में चार नाबालिगों की तो सप्ताह भर पहले जमानत हो गई थी।
सोमवार को 41 बंदियों की जमानत पर सुनवाई हुई, लेकिन पुलिस की ओर से फाइल पूरी नहीं होने से कोर्ट ने सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तिथि निर्धारित की थी। पांच दिसंबर को कोर्ट में जमानत पर सुनवाई हुई, लेकिन न्यायाधीश ने जमानत पर फैसला शुक्रवार तक सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए सभी 41 बंदियों की जमानत ख़ारिज कर दी। जमानत याचिका में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा का नाम नहीं था।
सूत्रों के अनुसार नरेश मीना चाहते हैं कि पहले अन्य लोगों की जमानत हो, उसके बाद उसकी जमानत के लिए याचिका लगाई जाए। इसलिए वकील ने अभी उनकी जमानत के लिए अलग से याचिका नहीं लगाई है। बंदियों की ओर से एडवोकेट सलीम सूरी ने पैरवी की।
मामले में एक आरोपी फरार
41 में से चालीस जेल में बंद हैं। एक फरार है। फरार आरोपी सुदामा ने अलग से जमानत याचिका लगाई थी। जेल में बंद 39 की जमानत एक साथ लगाई थी। जेल में बंद एक अन्य ने अलग से जमानत याचिका लगाई थी।