हनुमानगढ़। टेलीग्राम पर लिंक भेजकर करोड़ों की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने एक डॉक्टर सहित दो आरोपियों को धौलपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में साइबर फ्रॉड के कुल 51 प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें 10 करोड़ से ज्यादा रुपए की साइबर फ्रॉड किया हुआ है।
एसपी अरशद अली ने बताया कि 23 अप्रैल 2024 को पीड़ित सुनील कुमार पुत्र साहबराम निवासी वार्ड 17, गांव पक्कासारणा ने मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया कि उसे मोबाइल में टेलीग्राम एप पर किसी अनजान मोबाइल नम्बर से मैसेज आया। इसमें उसके साथ कॉलेज में पढ़ने वाले लड़की की फोटो लगी हुई थी। इस पर उसने टेलीग्राम एप पर बातचीत की और कॉलेज साथी समझ अपनी जानकारी शेयर कर दी।
लग्जरी लाइफ जीने का दिखाया सपना
एसपी ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति को इन दोनों ने ट्रेडिंग के माध्यम से प्रतिदिन 2 से 3 लाख रुपए कमाने व लग्जरी लाइफ स्टाइल के सपना दिखाया। जिसके बाद लगभग एक महीने तक पीड़ित के बैंक खाते से फ्रॉडों के विभिन्न खातों में 94 लाख 70 हजार 300 रुपए जमा करवा लिए। एसपी के अनुसार रिपोर्ट पर साइबर पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान थाना प्रभारी रणवीर सिंह बेनीवाल की ओर से शुरू किया गया।
विशेष टीम का गठन कर गिरफ्तारी के प्रयास किए थे शुरू
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी के निर्देशन में विशेष टीम गठित की गई। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी एवं परिवादी की राशि रिफंड करवाने के लिए गठित टीम एवं अनुसंधान अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। एसपी द्वारा गठित टीम ने मामले में कार्रवाई करते हुए कई महीनो की मेहनत के बाद दो साइबर ठगो को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली।
फर्म का खाता खुलवा किया जा रहा था फ्रॉड
जांच अधिकारी रणवीर सिंह ने टीम के साथ प्रकरण में साइबर ठग गिरोह की ओर से उपयोग में लिए गए पंजाब नेशनल बैंक के संदिग्ध करंट बैंक खाता सुधीर इन्टरप्राइजेज एण्ड सुधीर यादव के खाताधारक सुधीर यादव (34) पुत्र कल्याण सिंह यादव निवासी आरएसी कैम्प के पास, कायस्थ पाडा पीएस निहालगंज जिला धौलपुर और उसके मुख्य सहयोगी व खाते को उपयोग में लेने वाले डेंटल डॉक्टर आनन्द सोनी (39) पुत्र बलवीर सिंह सोनी दतक पुत्र सन्तोष सोनी निवासी विवेकानन्द स्कूल, तलैया रोड, धौलपुर पीएस निहालगंज जिला धौलपुर को गिरफ्तार किया।
पीसी रिमांड लेकर पूछताछ,10 लाख किए रिकवर
साइबर थाना पुलिस ने कोर्ट से आरोपियों का पीसी रिमाण्ड प्राप्त किया है। अब पुलिस ठगो से ठगी के बारे में विस्तृत अनुसंधान करेगी। एसपी अरशद अली ने बताया कि इस प्रकरण में परिवादी सुनील सहारण के खाता में 10 लाख रुपए की राशि रिफण्ड करवाई जा चुकी है। शेष रकम की रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में ये रहे शामिल
कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में साइबर पुलिस थाना प्रभारी रणवीर सिंह बेनीवाल, हेड कॉन्स्टेबल विजय आनन्द, कॉन्स्टेबल प्रमोद कुमार, पंकज कुमार व गजराज सिंह शामिल रहे।
फर्जी फर्म बनाकर देते थे ठगी को अंजाम
एसपी अरशद अली ने बताया कि साइबर गिरोह के सदस्यों की ओर से सर्वप्रथम भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर सुधीर इंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन किया गया। उसके बाद फर्जी फर्म सुधीर इन्टरप्राइजेज की मोहर तैयार कर फर्म के नाम से फर्जी तरीके से पंजाब नेशनल बैंक में करंट बैंक खाता सुधीर इन्टरप्राइजेज एण्ड सुधीर यादव के नाम से खुलवाला गया। तत्पश्चात उक्त खाते को साइबर फ्रॉड करने में उपयोग किया गया।
देश भर के कई राज्यों में 51 मुकदमे दर्ज
एसपी ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा खाते को साइबर पुलिस पोर्टल व जेएमआईएस पोर्टल पर चैक किया तो उपर्युक्त खाते के विरूद्ध महाराष्ट्र में 9, तेलंगाना में 7, आन्ध्र प्रदेश में 6, कनार्टक में 5, तमिलनाडू में 4. राजस्थान में 3, केरल में 3, उत्तर प्रदेश में 2, जम्मू कश्मीर में 2, दिल्ली में 2, गुजरात में 2, हरियाणा में 1, पंजाब में 1, पश्चिम बंगाल में 2, ओडिशा में 1, छतीसगढ़ में 1 सहित कुल 51 साइबर फ्रॉड के प्रकरण के दर्ज हैं। इनमें साइबर ठगी की कुल राशि 10 िकरोड़ 1 लाख 80 हजार 865 रुपए है।