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February 5, 2025 4:14 pm


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शहीद की पत्नी रोते हुए बोलीं- मैं भी साथ जाऊंगी : दौसा में हवलदार जितेंद्र का अंतिम संस्कार; रेनवाल में नेवी कमांडों की तिरंगा यात्रा

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

दौसा। राजस्थान में आज दो तिरंगा यात्राएं निकलीं। दौसा के महवा और जयपुर के रेनवान इलाके में जवानों का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर पहुंचा तो लोगों ने नारों से आसमान गुंजा दिया। जगह-जगह जवानों के पार्थिव शरीर पर लोगों ने फूल बरसाए और सैल्यूट किया।

पत्नी बोली- मैं भी साथ जाऊंगी

​​बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास के दौरान शहीद हुए हवलदार जितेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर जब उनकी पत्नी रेखा के सामने पहुंचा तो वे अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। उन्होंने पति को पहले माला अर्पित की, फिर सैल्यूट कर नारे लगाए और फिर रोने लगीं।

उन्होंने कहा- मैं भी साथ जाउंगी। मुझे इनके साथ जाने दो। यह देख माहौल गमगीन हो गया। पत्नी, बेटे व बेटी के आंसू देखकर अन्य लोगों की आंखें नम हो गई। शहीद के घर में पत्नी, बेटा दीपू हैं। जितेंद्र चार भाइयों में एक थे। उनके भाई विजेंद्र सिंह खेती करते हैं, नरेंद्र सिंह रिटायर्ड कर्मचारी हैं, देवेंद्र सिंह पढ़ाई कर रहे हैं।

जितेंद्र सिंह की पार्थिव देह पैतृक गांव दौसा में महवा के गाजीपुर पहुंची। अंतिम संस्कार से पहले उनके बेटे दीपू (14) को तिरंगा सौंपा गया। वहां मौजूद जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने चिता पर पुष्प चक्र अर्पित किए। सेना व आरएसी के जवानों ने गार्ड सलामी दी। दोपहर करीब 2 बजे जितेंद्र सिंह के खेत में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे ने मुखाग्नि दी।

ट्रेनिंग खत्म होने से 2 घंटे पहले शहादत

शहीद के परिजनों ने बताया- जितेंद्र सिंह की ड्यूटी जम्मू कश्मीर में थी। जहां से तीन हफ्ते की ट्रेनिंग पर वह महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आया हुआ था। ट्रेनिंग पूरी होने से 2 घंटे पहले हुए हादसे में उसकी शहादत हो गई।

उसने सुबह ही पत्नी को फोन कर बताया था कि जल्द ही ड्यूटी पर कश्मीर लौट जाएगा। जितेंद्र की शादी 2005 में खानखेड़ा गांव निवासी रेखा से हुई थी। शादी के 2 साल बाद 2007 में उन्होंने आर्मी जॉइन की थी।

सेना के अधिकारी ने बताया- महाजन फील्ड फायरिंग रेज में तीन हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी होने के अंतिम दिन में हादसा में जितेंद्र घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। शहीद को अंतिम सलामी देने पूर्व सैनिक जिलाध्यक्ष विजेंद्र बासड़ा, कैप्टन बीएल योगी, रामहरि, प्रेम सिंह, हवलदार गोविन्द सिंह, अतर सिंह सैनी, लेफ्टिनेंट विमल रूप, सुबेदार अर्जुन सिंह पहुंचे।

स्कूल के नामकरण व स्मारक की मांग

इससे पहले सैन्य वाहन को सजावट के साथ शहीद की देह को रखकर उसके पैतृक गांव गाजीपुर ले जाया गया। लोगों ने फूल बरसाकर शहीद जितेंद्र अमर रहें और भारत माता के नारे लगाए। शहीद के परिजनों गांव की सरकारी स्कूल का नामकरण शहीद जितेंद्र सिंह के नाम पर करने व स्मारक निर्माण की मांग की।

इसे लेकर विधायक राजेंद्र मीणा ने कहा स्कूल का नामकरण करवाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखूंगा, साथ ही स्मारक निर्माण के लिए भी 5 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।

पत्नी व बच्चों के साथ जम्मू में रहते थे

गाजीपुर गांव के रहने वाले हवलदार जितेंद्र सिंह सेना की 46 आर्म्ड रेजिमेंट में रत्नूचक जम्मू में तैनात थे। वे पत्नी रेखा व दोनों बच्चों के साथ जम्मू में ही रह रहे थे। उनके पिता व अन्य परिजन पैतृक गांव गाजीपुर में रहते हैं। जितेंद्र के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक छा गया।

सैन्य अभ्यास के दौरान हादसा

सेना के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया- हादसा फायरिंग रेंज के चार्ली सेंटर पर हुआ, जहां सैन्य अभ्यास चल रहा था। सुबह तोप से फायर करते वक्त अचानक ब्लास्ट हुआ। इस दौरान हेड कॉन्स्टेबल आशुतोष मिश्रा निवासी देवरिया यूपी, गनर जितेंद्र सिंह निवासी दौसा और एक अन्य जवान इसकी चपेट में आ गए थे।

हेड कॉन्स्टेबल आशुतोष मिश्रा और गनर जितेंद्र सिंह की मौत हो गई थी, जबकि घायल का मिलिट्री अस्पताल में इलाज चला था।

नेवी कमांडो की मासूम बेटी बोली- मैं भी ऑफिसर बनूंगी

मुंबई में बुधवार शाम गेटवे ऑफ इंडियाके पास स्पीड बोट हादसे में शहीद होने वाले इटावा (रेनवाल, जयपुर) पंचायत के जुणसिया गांव के महेंद्र सिंह शेखावत शहीद हो गए थे। महेंद्र नेवी में मार्कोस कमांडो थे और पेटी ऑफिसर के पद पर तैनात थे।

शुक्रवार सुबह शहीद की पार्थिव देह जयपुर से चौमूं होते हुए महेंद्र के पैतृक गांव जुणसिया पहुंची। जहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में शहीद महेंद्र सिंह अमर रहें के नारे गूंजते रहे। जगह जगह लोगों ने पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए।

पिता के अंतिम दर्शन कर 5 साल की बेटी युगांतिका ने कहा कि मैं भी बड़ी होकर अधिकारी बनूंगी। इस दौरान जिला प्रमुख रमा चोपड़ा, पूर्व विधायक निर्मल कुमावत, लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चोपड़ा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

Author: JITESH PRAJAPAT

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