उदयपुर। जयपुर में एलपीजी टैंकर ब्लास्ट की घटना में जलने वाली बस के खलासी का दूसरे दिन शनिवार को भी पता नहीं लगा है। खलासी कहां और किस स्थिति में है। इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। लेकसिटी ट्रेवल्स के मालिक बबलू भाई ने बताया कि खलासी कालू 6 माह पहले ही हमारे यहां जॉब पर लगा था। वह चित्तौड़गढ़ का रहने वाला है और मोबाइल नहीं रखता है। उसके परिवार में कोई नहीं है वह अकेला है। उसके परिचितों से कॉन्टेक्ट कर पता लगाने की कोशिश की गई लेकिन उसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही।
वहीं, इस घटना में झुलसकर मरने वाले बस के ड्राइवर शाहिद को गमगीन माहौल में शनिवार को सुपुर्द ए खाक किया गया। मृतक ड्राइवर का शव बीती देर रात उनके गोसिया कॉलोनी स्थित घर पर पहुंचा तो घर में मातम पसर गया। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।
34 सवारी लेकर रात 9 बजे बस लेकर जयपुर गई थी बस
जानकारी अनुसार गुरुवार रात 9 बजे लेकसिटी ट्रेवल्स की बस 34 यात्रियों को लेकर जयपुर के लिए रवाना हुई थी। दूसरे दिन शुक्रवार सुबह 5:44 बजे दर्दनाक हादसा हो गया। ड्राइवर शाहिद बस चला रहा था, तभी बस के आगे के शीशे तोड़ते हुए आग का गोला तेजी से बस के अंदर आया, जिसके तुरंत बाद बस में चीख-पुकार मच गई। यात्री खिड़की तोड़कर बाहर निकले और अपनी जान बचाई।
यात्रियों के बैग, सूटकेश सहित जरूरी सामान बस में ही जल गए। बस पूरी तरह जलकर राख हो गई। उदयपुर आरटीओ के अनुसार 34 यात्रियों में से करीब 25 से मोबाइल के जरिए कॉन्टेक्ट हो पाया है, इनमें शबनम और निर्मला नाम की दो महिला गंभीर घायल है। बाकी यात्रियों के भी मामूली चोटें आई हैं। बाकी 12 यात्रियों के मोबाइल बंद होने से कॉन्टेक्स नहीं हो पा रहा।